उत्तर प्रदेश

आजमगढ़ में अखिलेश यादव के कार्यक्रम में सुरक्षा चूक, मंच के पास पहुंचा युवक 

आजमगढ़ – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आजमगढ़ यात्रा के दौरान गुरुवार, 3 जुलाई को एक सुरक्षा चूक का गंभीर मामला सामने आया है। अखिलेश यादव जब अपने नए आवास और पार्टी कार्यालय परिसर के भूमि पूजन कार्यक्रम में मंच पर मौजूद थे, तभी एक युवक तमाम सुरक्षा घेरों को तोड़ते हुए मंच के पास पहुंच गया

 5 मिनट तक चला हंगामा

घटना के दौरान मंच पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने तत्काल हरकत में आते हुए युवक को रोका और करीब 5 मिनट की मशक्कत के बाद उसे हिरासत में ले लिया। समाचार लिखे जाने तक युवक की पहचान और मंशा स्पष्ट नहीं हो सकी थी।

 सपा ने उठाए सवाल, बताया प्रशासन की साजिश

इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी ने प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सपा नेताओं का आरोप है कि यह सब “एक अच्छा कार्यक्रम खराब करने की साजिश” थी। पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने जानबूझकर सुरक्षा में लापरवाही बरती, ताकि कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न हो।

 पुलिस की चुप्पी

इस घटना पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे और उन्होंने युवक को मंच से हटाकर कार्यक्रम को आगे बढ़ने दिया।

 अखिलेश को आजमगढ़ में विरोध भी झेलना पड़ा

एक ओर जहां अखिलेश यादव ने आजमगढ़ के अनवरगंज क्षेत्र में अपने नए घर और कार्यालय का भूमि पूजन किया, वहीं दूसरी ओर उन्हें ब्राह्मण महासभा और विश्व हिंदू महासंघ जैसे संगठनों के विरोध का सामना भी करना पड़ा।
इन संगठनों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और अखिलेश यादव पर ब्राह्मण समाज की छवि खराब करने का आरोप लगाया।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिवंश मिश्रा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा:“अखिलेश यादव इटावा को घर और आजमगढ़ को दिल कहते हैं, लेकिन यह सिर्फ दिखावा है। आजमगढ़ की जनता सब समझ रही है।”

अखिलेश यादव के कार्यक्रम में हुई सुरक्षा में चूक और ब्राह्मण समाज के विरोध ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पूर्वांचल की राजनीति में सियासी तापमान लगातार बढ़ रहा है।
जहां एक ओर सपा नेता अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं विरोध के स्वर यह संकेत दे रहे हैं कि आगामी चुनावों में चुनौतियां कम नहीं होंगी।

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