उत्तर प्रदेश

संसद सत्र के बीच मस्जिद में अखिलेश की मौजूदगी पर सियासत गर्म, डिंपल यादव ने बताई असली वजह

दिल्ली में चल रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव की एक मस्जिद में मौजूदगी पर जबरदस्त सियासी घमासान मच गया है।

भाजपा ने इस पर हमला बोला, तो कांग्रेस और जदयू ने सपा का बचाव किया। वहीं, सपा सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने पूरे विवाद पर सफाई दी है और असली वजह सामने रखी है।

डिंपल यादव की सफाई – न मीटिंग थी, न राजनीति

संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए डिंपल यादव ने कहा,“ऐसा कुछ भी नहीं था, वहां कोई मीटिंग नहीं थी। रामपुर से सपा सांसद जो मस्जिद के इमाम हैं, उनकी पत्नी भी वहां थीं। बस सामान्य बातचीत हुई थी।”

डिंपल ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘पहलगाम आतंकी हमले’ जैसे गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह सारा विवाद खड़ा कर रही है।

इमरान मसूद का बीजेपी पर हमला

सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने डिंपल यादव के कपड़ों और मस्जिद जाने को लेकर उठे सवालों पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा,“मस्जिद के इमाम हमारे सांसदों में से एक हैं। कुछ साथी अंदर बैठे थे, इसका मतलब ये नहीं कि कोई बैठक चल रही थी। ये सब ड्रामा है। भाजपा को महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। शर्म करो… शर्म करो।”

जदयू नेता केसी त्यागी ने किया समर्थन

जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी सपा का पक्ष लेते हुए कहा,“रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद उस मस्जिद के इमाम हैं। उनके निमंत्रण पर वे चाय पीने गए थे। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।”

बीजेपी ने क्या कहा?

भाजपा ने इस मुद्दे को तूल देते हुए अखिलेश यादव पर निशाना साधा और मस्जिद में कथित राजनीतिक बैठक को लेकर सवाल उठाए। हालांकि, अब तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर पार्टी समर्थकों में काफी हलचल है।

नतीजा – मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश या बेवजह विवाद?

पूरे मामले को लेकर सियासत तेज़ है, लेकिन डिंपल यादव, इमरान मसूद और केसी त्यागी जैसे नेताओं की प्रतिक्रिया से साफ है कि यह एक सामान्य शिष्टाचार भेंट थी।

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