महुआ मोइत्रा की बढ़ीं मुश्किलें: CBI ने लोकपाल को सौंपी रिपोर्ट, कैश फॉर क्वेरी मामले में गंभीर आरोप

नई दिल्ली | तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले में जांच एजेंसी CBI ने अपनी रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। अब लोकपाल इस रिपोर्ट के आधार पर तय करेगा कि उनके खिलाफ आगे क्या कार्रवाई की जाए। रिपोर्ट में महुआ पर संसद में सवाल पूछने के बदले नकद, गिफ्ट और लॉगिन आईडी लेने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
कैसे सामने आया मामला?
यह मामला अक्टूबर 2023 में तब सुर्खियों में आया, जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से कथित रूप से नकदी और महंगे उपहार लेकर संसद में एक बड़े कारोबारी समूह (अडानी ग्रुप) के खिलाफ सवाल पूछे।
CBI को यह जांच लोकपाल के निर्देश पर सौंपी गई थी। जांच के बाद CBI ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पिछले साल 21 मार्च 2023 को महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
CBI की रिपोर्ट के मुताबिक:
- महुआ मोइत्रा ने अपने संसदीय विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया।
- उन्होंने अपना लोकसभा लॉगिन आईडी और पासवर्ड हीरानंदानी को साझा किया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ।
- उन्होंने कथित रूप से नकदी और उपहार लेकर सवाल पूछे।
संसद से हो चुकी हैं निष्कासित
CBI रिपोर्ट से पहले ही दिसंबर 2023 में महुआ मोइत्रा को “अनैतिक आचरण” के आरोप में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी है और दावा किया कि उन्हें बिना सफाई देने का मौका दिए ही साजिश के तहत निष्कासित किया गया।
फिर जीतीं चुनाव, दोबारा बनीं सांसद
मोइत्रा ने 2024 के आम चुनावों में भाजपा की प्रत्याशी अमृता रॉय को हराकर कृष्णानगर सीट दोबारा जीती और फिर से लोकसभा की सदस्य बनीं। बावजूद इसके, कैश फॉर क्वेरी मामला उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है।
आगे क्या?
अब गेंद लोकपाल के पाले में है। अगर लोकपाल को CBI की रिपोर्ट में पर्याप्त सबूत नजर आते हैं, तो आपराधिक कार्रवाई का रास्ता खुल सकता है। इस मामले पर देशभर की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यह सीधे संसद की गरिमा और पारदर्शिता से जुड़ा मामला है।