रेपो रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव, आरबीआई ने 5.5% पर कायम रखा फैसला

नई दिल्ली:भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रहेगा।
क्या कहा गवर्नर ने?
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया,
“मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4, 5 और 6 अगस्त को आयोजित की गई। व्यापक आर्थिक स्थिति और संभावनाओं के आकलन के बाद यह सर्वसम्मति से तय किया गया कि नीतिगत **रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर ही रखा जाए।”
इस निर्णय का मतलब है कि फिलहाल होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।
रेपो रेट क्या है और इसका क्या असर होता है?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है।
- यदि रेपो रेट बढ़ता है, तो बैंक महंगे दर पर कर्ज लेते हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए लोन महंगा हो जाता है।
- अगर रेपो रेट घटता है, तो बैंक सस्ते में कर्ज लेते हैं, जिससे लोन सस्ते हो जाते हैं।
लेकिन इस बार आरबीआई ने मौजूदा आर्थिक हालात को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया।
क्यों नहीं बदला गया रेपो रेट?
रिज़र्व बैंक ने अपने फैसले के पीछे मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने का तर्क दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, महंगाई के आंकड़े अभी संतुलन में हैं और जीडीपी वृद्धि दर भी स्थिर है, इसलिए फिलहाल ब्याज दरों को लेकर जोखिम नहीं उठाया गया।