गाजीपुर में “दहेज हत्या” का झूठा केस, जिंदा मिली कथित मृतका — बॉयफ्रेंड संग ग्वालियर में कर ली थी शादी

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश): जिले के सादात थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया। यहां एक मां ने अपनी बेटी के ससुरालियों पर दहेज हत्या और शव गायब करने का गंभीर आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाई थी। लेकिन जांच में जो हकीकत सामने आई, उसने सबको चौंका दिया — दरअसल, बेटी जिंदा निकली और अपने बॉयफ्रेंड के साथ ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में रह रही थी।
मां ने कहा – “मेरी बेटी को मार डाला”, पुलिस ने शुरू की जांच
सादात थाना क्षेत्र के बरहपार भोजूराय गांव की रहने वाली राजवंती देवी, पत्नी स्व. रामजी दास ने 3 अक्टूबर को पुलिस में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उसकी बेटी रूचि की ससुरालियों ने दहेज के लिए हत्या कर दी और लाश गायब कर दी।
FIR में कहा गया था कि रूचि के ससुराली — पति राजेंद्र, सास कमली देवी, ससुर फूलचंद, देवर मुन्ना, ननद रेनू और आकाश — दहेज में बाइक न मिलने पर उसे प्रताड़ित करते थे।
जांच में पलटी कहानी
जैसे-जैसे पुलिस ने मामले की तफ्तीश की, कई बातें संदिग्ध लगीं। जब पुलिस ने गहराई से सुराग तलाशे तो पता चला कि जिस “विवाहिता” की हत्या का आरोप लगाया गया था, वह जीवित है।जानकारी मिली कि रूचि ग्वालियर में अपने प्रेमी के साथ रह रही है और उसने वहीं दूसरी शादी भी कर ली है।
सीओ रामकृष्ण तिवारी की अगुवाई में पुलिस टीम ने शुक्रवार सुबह बरहता पुल के पास से रूचि को सकुशल बरामद किया और उसे पूछताछ के लिए थाने लाया गया।
स्कूल टाइम से करती थी युवक से प्यार
पूछताछ में रूचि ने बताया कि वह स्कूल के समय से ही एक युवक से प्यार करती थी, लेकिन परिवार ने उसकी शादी बिना उसकी मर्जी के 6 जून 2023 को राजेंद्र से करा दी।वह इस शादी से खुश नहीं थी और बाद में अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर चली गई थी।उसने स्वीकार किया कि उसने किसी ने उसे मारा नहीं, बल्कि वह खुद अपनी इच्छा से गई थी।
ससुरालवालों पर लगे झूठे आरोपों से मिली राहत
रूचि के “जिंदा” मिलने की खबर के बाद उसके ससुरालवालों ने राहत की सांस ली। जिन पर हत्या, प्रताड़ना और शव गायब करने जैसे गंभीर आरोप लगे थे, अब वे जांच से बाहर आ सकते हैं।
पुलिस ने रूचि को मेडिकल जांच के लिए भेजा है और मामले में फर्जी FIR दर्ज कराने के पहलू की जांच शुरू कर दी है।
FIR में लगाए गए थे गंभीर आरोप
रूचि की मां ने अपनी तहरीर में लिखा था कि उन्होंने दहेज में ₹50,000, जेवर और अन्य सामान दिया था, लेकिन बाइक न मिलने पर ससुरालीजन रूचि को मारपीट और भूखा रखने लगे।
यह भी आरोप लगाया गया था कि जब रूचि अपने पिता की मृत्यु पर मायके आना चाहती थी, तो ससुरालवालों ने मना कर दिया और धमकी दी कि “उसे ठिकाने लगा दिया है।”
पुलिस का बयान
सीओ रामकृष्ण तिवारी ने बताया,“विवाहिता को सकुशल बरामद कर लिया गया है। उसे मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। अब यह जांच की जा रही है कि झूठी FIR दर्ज कराने के पीछे क्या मंशा थी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।”
अब होगी झूठी शिकायत की जांच
अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि झूठा मामला दर्ज कराने में मां या किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका क्या थी।
मामला यह भी दिखाता है कि बिना ठोस सबूत के गंभीर आरोप लगाने से निर्दोष लोग फंस सकते हैं।

