बिजली संकट की चपेट में झारखंड: कैबिनेट मीटिंग के बीच गुल हुई लाइट, खुद CM हेमंत सोरेन हुए परेशान
रांची | एक ओर जहां झारखंड देश को कोयला, यूरेनियम और खनिज संसाधनों का धनी राज्य माना जाता है, वहीं दूसरी ओर यहां की बिजली व्यवस्था खुद सवालों के घेरे में है। ताजा मामला 20 जून का है जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट भवन) में कैबिनेट बैठक चल रही थी, और उसी दौरान बिजली कट हो गई।

बिजली कटते ही अंधेरे में आई कैबिनेट मीटिंग
झारखंड मंत्रालय में चल रही बैठक में मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री मौजूद थे। चर्चा राज्य के विकास और योजनाओं पर हो रही थी कि अचानक लाइट चली गई। थोड़ी देर बाद बिजली तो बहाल हुई, लेकिन इस घटना ने बिजली संकट को उजागर कर दिया।
बैठक के बाद जब मीडिया ने सीएम से पावर कट पर सवाल पूछा, तो उन्होंने खुद कहा:
“जब मैं कैबिनेट बैठक कर रहा था, उसी दौरान मेरे कमरे की भी बिजली चली गई। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिजली संकट को जल्द से जल्द दूर किया जाए।”
🔌 राजधानी से लेकर गांव तक, हर वर्ग परेशान
चाहे राजधानी रांची हो या अन्य 24 जिले, झारखंड में बिजली की आंख मिचौली से हर वर्ग – आम जनता से लेकर बड़े अधिकारी तक – त्रस्त है। अब खुद मुख्यमंत्री तक पावर कट से प्रभावित हो रहे हैं।
26 प्रस्तावों पर लगी मुहर
कैबिनेट बैठक में कुल 26 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए। इनमें शामिल हैं:
- खूंटी जिले में महिला महाविद्यालय के निर्माण को मंजूरी
- झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्याय बोर्ड को 3 करोड़ रुपये की सहायता
- राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली, 2025 को स्वीकृति
- अन्य विकास और प्रशासनिक सुधार से जुड़े प्रस्तावों पर भी मुहर लगी