ADM अरविंद कुमार सिंह सस्पेंड: तबादले के बाद ज्वॉइनिंग से इनकार, योगी सरकार ने दिखाई सख्ती

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि शासन में अनुशासन से कोई समझौता नहीं होगा। 2012 बैच के पीसीएस अधिकारी अरविंद कुमार सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है। अरविंद सिंह बिजनौर में ADM (वित्त एवं राजस्व) के पद पर तैनात थे और हाल ही में 30 मई 2025 को उनका तबादला देवरिया किया गया था। लेकिन उन्होंने आदेश के बावजूद अपनी नई तैनाती ज्वॉइन नहीं की।
क्या है मामला?
अरविंद कुमार सिंह ने तबादले के बाद देवरिया में नई पोस्टिंग स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शासन के मुताबिक यह सरकारी आदेशों की खुली अवहेलना और अनुशासनहीनता है। सूत्रों की मानें तो वे बिजनौर की पोस्टिंग को छोड़ना नहीं चाहते थे और ज्वॉइनिंग टालते रहे। इस रवैये को प्रशासन ने “पद मोह” और अहंकारपूर्ण व्यवहार के रूप में देखा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत निलंबन के आदेश जारी किए। सीएम की सख्ती एक बार फिर यह संकेत दे रही है कि:“सरकारी आदेशों की अनदेखी और नौकरशाही में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
योगी सरकार पहले भी कई IAS/PCS अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है – चाहे वह भ्रष्टाचार हो, लापरवाही या कार्य में टालमटोल।
अरविंद सिंह का अब तक का कार्यकाल
- तीन वर्षों तक बिजनौर में ADM (वित्त/राजस्व) के पद पर तैनात रहे
- इस दौरान उन्होंने कई प्रशासनिक जिम्मेदारियां निभाईं
- तबादले के बाद नई तैनाती को ज्वॉइन नहीं करने का कोई ठोस कारण नहीं दिया
- शासन इसे कर्तव्य की उपेक्षा और नियमों का उल्लंघन मान रहा है
संदेश साफ: आदेश मानिए या कार्रवाई झेलिए
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में हलचल मचा दी है।
अरविंद कुमार सिंह का सस्पेंशन सिर्फ एक अफसर पर कार्रवाई नहीं, बल्कि पूरी नौकरशाही को संदेश है कि अगर सरकारी सेवा में हैं, तो सेवा नियमों का पालन अनिवार्य है।
तबादले को लेकर मनमानी या “कुर्सी मोह” अब बर्दाश्त नहीं होगी।