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Delhi MCD में हंगामा: AAP पार्षदों ने 12,000 कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग पर किया प्रदर्शन

नई दिल्ली – दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन की बैठक गुरुवार को भारी हंगामे की भेंट चढ़ गई। आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों ने 12,000 अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

सफाई कर्मचारियों के स्थायीत्व की मांग बनी मुद्दा

AAP पार्षदों ने भाजपा सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया और “12,000 कर्मचारियों को पक्का करो” के नारे लगाते हुए भाजपा की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनका कहना है कि दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई और बुनियादी सेवाएं देने वाले कर्मचारी वर्षों से अनुबंध पर काम कर रहे हैं, जबकि वे स्थायी नियुक्ति के लिए पूर्ण रूप से योग्य हैं।

विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने भी की मांग का समर्थन

दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने AAP की मांग का समर्थन करते हुए कहा:“जब हम निगम में थे, तब हमने बजट में 12,000 कर्मचारियों को स्थायी करने का प्रावधान रखा था। अगर अब AAP इसका श्रेय लेना चाहती है तो हमें कोई ऐतराज नहीं, लेकिन प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए।”

सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित

हंगामा बढ़ने के बाद सभापति को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। AAP पार्षदों ने सदन में भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि दलित कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। वे बार-बार “दलित विरोधी भाजपा”, “स्थायी करो”, जैसे नारों से सदन को गूंजाते रहे।

राजनीतिक समीकरणों पर असर

एमसीडी में कर्मचारियों का स्थायीत्व एक पुराना लेकिन संवेदनशील मुद्दा रहा है। आगामी निगम चुनावों और दिल्ली की राजनीति को देखते हुए कर्मचारी वर्ग की नाराजगी एक निर्णायक फैक्टर बन सकती है।

फिलहाल दिल्ली में रेखा गुप्ता की अगुवाई में भाजपा की सरकार है, और निगम सहित राज्य और केंद्र – तीनों में भाजपा का वर्चस्व है। ऐसे में कर्मचारियों की यह मांग भाजपा के लिए राजनीतिक चुनौती बन सकती है।

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