“नेपाल से लेकर महाराष्ट्र तक फैला था नेटवर्क, ATS की पूछताछ में खोले राज”

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण गिरोह का खुलासा करने के बाद एटीएस (ATS) की पूछताछ में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन ने रिमांड के पहले दिन पिछले 15 वर्षों से धर्मांतरण की साजिश में शामिल होने की बात कबूल की है।
ATS के मुताबिक, छांगुर बाबा का मकसद हिंदू आबादी को कम कर देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाना था। पूछताछ में सामने आया है कि वह अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ था और उसने 8 अलग-अलग बैंकों में खाते खोलकर करोड़ों रुपये का लेन-देन किया।
धर्मांतरण की साजिश: 15 साल से सक्रिय था गिरोह
पूछताछ में छांगुर बाबा ने कबूला कि वह 2009 से अवैध धर्मांतरण के रैकेट को चला रहा था। उसने हिंदू युवाओं, महिलाओं और दलित समुदाय को टारगेट कर मुसलमान बनाने की कोशिश की। सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन इस पूरे नेटवर्क में महिला शाखा की जिम्मेदार थी।
छांगुर बाबा ने “लव जिहाद” में शामिल युवकों को इनाम भी दिया करता था। यही नहीं, बलरामपुर स्थित उसके आलीशान घर में लव जिहाद का बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया जाता था।
8 बैंकों में खाते, सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति का शक
ATS सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा ने बैंक ऑफ बड़ौदा सहित 8 अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए थे। इन खातों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और फंड ट्रांसफर का पता चल सकता है। वह नेपाल बॉर्डर और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में करोड़ों की जमीन खरीद चुका है।
बताया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए विवादित जमीनों को भी कब्जा किया गया है।
विदेशी कनेक्शन और कट्टर मंसूबे
पूछताछ में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा के कई देशों से संबंध हैं। वह भारत में इस्लामी राष्ट्र की स्थापना की सोच रखता था और हिंदू आबादी को घटाने की बड़ी साजिश रच रहा था।
वसीउद्दीन की शिकायत के बाद हुआ पर्दाफाश
बलरामपुर के निवासी वसीउद्दीन चौधरी ने वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर छांगुर बाबा और नागपुर की संस्था भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ के ईदुल इस्लाम आसी के खिलाफ शिकायत की थी। इसी पत्र के आधार पर जांच शुरू हुई और ATS ने छांगुर को दबोच लिया।
ईदुल इस्लाम ने छांगुर को अपनी संस्था का उत्तर प्रदेश प्रमुख भी बनाया था। इसके दस्तावेज भी ATS के हाथ लगे हैं।
वसीउद्दीन वही व्यक्ति हैं जिनके द्वारा बनवाई गई नीतू की इमारत को प्रशासन ने हाल ही में जमींदोज किया था। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ और यह मामला सामने आया।
ATS अब बैंक ट्रांजैक्शन, जमीनों की रजिस्ट्री और विदेशों से आए फंडिंग की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि इस गिरोह से जुड़े और भी कई चेहरों का खुलासा जल्द हो सकता है।