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महाराष्ट्र में नकली नोटों का जाल उजागर, पुणे और भिवंडी बने ‘फेक करेंसी’ के नए हब

मुंबई | महाराष्ट्र में नकली नोटों के कारोबार को लेकर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। राज्य के पुणे और भिवंडी शहर अब नकली नोटों की छपाई के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में यह अहम जानकारी दी।
पुणे और भिवंडी में चला फर्जी करेंसी का नेटवर्क
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नकली नोट देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करते हैं और इनका इस्तेमाल आतंकी और विध्वंसक गतिविधियों में किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि:
- 2020 से अब तक 273 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
- 1.40 करोड़ रुपये की फेक करेंसी जब्त की गई है।
- पुणे और भिवंडी में बड़ी कार्रवाई की गई है लेकिन नेटवर्क अब भी सक्रिय हो सकता है।
पुणे में 28 लाख के नकली नोट जब्त, 7 गिरफ्तार
- तारीख: 1 मई 2025
- कार्रवाई: पुलिस ने छापा मारकर 28 लाख रुपये के नकली नोट जब्त किए।
- गिरफ्तारी: 7 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
भिवंडी में 30 लाख की फर्जी करेंसी पकड़ी, किराए के कमरे में चल रही थी छपाई
- तारीख: 3 मई 2025
- ठाणे क्राइम ब्रांच ने भिवंडी में छापा मारकर 30 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए।
- 6 आरोपी गिरफ्तार, न्यायिक हिरासत में भेजे गए।
- इसके अलावा 5 मई को भी भिवंडी में एक कमरे से 500 रुपये के फेक नोट छापने का नेटवर्क उजागर हुआ।
- नोटों को 6 लाख रुपये में 30 लाख की करेंसी के रूप में बेचा जा रहा था।
विदेशी लिंक की संभावना, पर पुष्टि नहीं
सरकार ने अभी तक किसी विदेशी नेटवर्क के सीधे हाथ होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस बात की संभावना जताई गई है कि इन रैकेट्स के तार अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े हो सकते हैं। जांच एजेंसियां इस पहलू पर काम कर रही हैं।
क्या है चिंता की बात?
- नकली नोटों की बड़ी खेप महाराष्ट्र जैसे औद्योगिक राज्य में बरामद होना
- रैकेट का संगठित रूप से संचालन, जिसमें छपाई से लेकर सप्लाई तक की चेन शामिल
- नोटों की बिक्री के लिए डीलिंग प्राइस (6 लाख में 30 लाख) तय होना, जिससे बड़े लेवल की साजिश की पुष्टि होती है।