उत्तर प्रदेश
कानपुर CMO विवाद में नया मोड़: दोनों हटे, कुर्सी खाली!

कानपुर | उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की कुर्सी को लेकर उठा विवाद और गहरा गया है। शासन के ताजा आदेशों के बाद स्थिति ऐसी बन गई है कि कानपुर में फिलहाल CMO की कुर्सी खाली मानी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
- पूर्व CMO डॉ. हरिदत्त नेमी पर कई गंभीर आरोप लगे थे — जैसे मनमाने ट्रांसफर, आदेशों की अनदेखी, अधीनस्थों पर नियंत्रण की कमी आदि।
- इन आरोपों के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और डॉ. उदयनाथ को श्रावस्ती से ट्रांसफर कर नया CMO बनाया गया।
हाईकोर्ट का दखल, दोनों का दावा
- डॉ. हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनके निलंबन पर रोक लगा दी।
- इतना ही नहीं, डॉ. उदयनाथ के ट्रांसफर ऑर्डर पर भी स्टे लगा।
- इसी के बाद दोनों डॉक्टर CMO की कुर्सी पर बैठने पहुंच गए, और खुद को अधिकृत बताने लगे। नजारा ऐसा था कि दो-दो CMO एक साथ ऑफिस में मौजूद थे।
शासन का ताजा फैसला – दोनों हटे
अब उत्तर प्रदेश शासन ने एक और आदेश जारी कर दिया है:
- डॉ. उदयनाथ को वापस श्रावस्ती भेज दिया गया है।
- वहीं डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन समाप्त कर दिया गया है, लेकिन उन्हें अभी कानपुर CMO के रूप में बहाल नहीं किया गया है।
तो कानपुर का CMO आखिर कौन है?
इस सवाल का फिलहाल एक ही जवाब है —
कोई नहीं!
क्योंकि:
- उदयनाथ हटा दिए गए हैं।
- नेमी का सस्पेंशन तो खत्म हुआ है, लेकिन उनकी पुनर्नियुक्ति का कोई स्पष्ट आदेश नहीं आया है।
इससे यह साफ है कि फिलहाल कानपुर CMO की कुर्सी तकनीकी रूप से खाली है। और जब तक शासन कोई नया स्पष्ट आदेश नहीं जारी करता, तब तक इस कुर्सी पर कोई अधिकारी अधिकृत रूप से नहीं बैठ सकता।
विवाद से प्रशासनिक अस्थिरता
इस घटनाक्रम ने न सिर्फ चिकित्सा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि शासन की निर्णय प्रक्रिया और आदेशों की स्पष्टता पर भी उंगली उठी है।
स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी जिस कुर्सी पर है, उसी पर अब अनिश्चितता बनी हुई है।