“मैं विपक्ष का नेता हूं, मुझे बोलने ही नहीं देते” — राहुल गांधी का केंद्र पर तीखा हमला

नई दिल्ली,संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही सरकार और विपक्ष के बीच टकराव एक बार फिर से तेज़ हो गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है, जबकि सरकार के मंत्रियों को खुलकर बोलने की पूरी छूट मिलती है।
सदन में हंगामा, बार-बार स्थगन
मानसून सत्र के पहले ही दिन विपक्ष की ओर से पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर हालिया टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग की गई। इस दौरान विपक्षी सांसदों की नारेबाज़ी के कारण लोकसभा को पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
राहुल गांधी का बयान: “ये नया अप्रोच है…”
सदन स्थगित होने के बाद संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा:
“सदन में रक्षा मंत्री को बोलने देते हैं, उनके लोगों को बोलने देते हैं। मैं विपक्ष का नेता हूं, मुझे बोलने ही नहीं देते। मेरा हक है, मुझे बोलने ही नहीं दिया जा रहा। ये नया अप्रोच है।”
“अगर सरकार चाहे तो चर्चा जरूर होगी”
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार अगर चाहे तो इन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, लेकिन सरकार एकतरफा संवाद चला रही है। उन्होंने कहा:
“हम दो शब्द कहना चाहते थे, लेकिन विपक्ष को इसकी इजाज़त नहीं दी गई। सरकार के लोग जो चाहें बोलें, लेकिन जब हम कुछ बोलना चाहें तो रोक दिया जाता है।”
विपक्ष की मांगें क्या हैं?
विपक्ष की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- पहलगाम आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री का बयान
- ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और परिणाम पर सदन में जानकारी
- डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर सरकार का आधिकारिक रुख
राजनीतिक तापमान चढ़ा
सत्र की शुरुआत से ही सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। एक ओर सरकार चाहती है कि प्रस्तावित विधेयकों पर चर्चा हो, वहीं विपक्ष का जोर जवाबदेही और बहस पर है। ऐसे में आने वाले दिन संसद के अंदर और बाहर गरम माहौल का संकेत दे रहे हैं।