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“धनखड़ ने छोड़ा उपराष्ट्रपति पद! दो साल पहले क्यों किया इस्तीफा?”

नई दिल्ली | संसद के मॉनसून सत्र के पहले ही दिन राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा धमाका हुआ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी और स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया।

सिर्फ 11 दिन पहले बोले थे– “2027 में रिटायर होऊंगा”

धनखड़ का इस्तीफा इसलिए भी चौंकाता है क्योंकि 10 जुलाई को एक कार्यक्रम में उन्होंने खुद कहा था कि वे 2027 तक कार्यकाल पूरा करेंगे और उसके बाद राजनीति से संन्यास लेंगे। लेकिन महज 11 दिन बाद उनका इस्तीफा कई राजनीतिक सवालों को जन्म दे रहा है।

उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष मार्च में धनखड़ को सीने में दर्द की शिकायत पर AIIMS में भर्ती कराया गया था और जून में उत्तराखंड दौरे के दौरान भी उनकी तबीयत बिगड़ी थी।

पीएम मोदी ने बनाया था उम्मीदवार, जीत दर्ज की थी भारी मतों से

धनखड़ को वर्ष 2022 में एनडीए सरकार की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था। 6 अगस्त को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर विजय हासिल की थी।
उन्हें 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182। 10 अगस्त 2022 को उन्होंने 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।

कार्यकाल था 2027 तक, अभी दो साल बाकी थे

धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, यानी अभी दो साल से अधिक का समय शेष था। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पद से हटकर राजनीतिक हलचलों को तेज कर दिया है।

इस्तीफे के पीछे क्या सिर्फ स्वास्थ्य कारण?

धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा,

“स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह मानते हुए मैं तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”

उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल का आभार भी व्यक्त किया।

हालांकि, उनके इस फैसले पर सिर्फ स्वास्थ्य को वजह मानना आसान नहीं लग रहा।

कांग्रेस ने उठाए सवाल, BJP की चुप्पी पर भी निशाना

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और बीजेपी नेताओं की चुप्पी संदेहास्पद है।

“न कोई बधाई, न धन्यवाद! क्या चल रहा है अंदर ही अंदर?” – खेड़ा

वहीं, कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा,

“धनखड़ साहब तो सोमवार शाम तक राज्यसभा में सक्रिय थे। फिर इतनी बड़ी घोषणा रात में कैसे हो गई?”

तीसरे उपराष्ट्रपति जिन्होंने कार्यकाल पूरा नहीं किया

भारत के इतिहास में जगदीप धनखड़ तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। इससे पहले

  • वीवी गिरि ने 1969 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए इस्तीफा दिया था।
  • कृष्णकांत का 2002 में कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था।

इस्तीफे से कुछ घंटे पहले तक निभाया अपना दायित्व

धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा देने से कुछ ही घंटे पहले राज्यसभा में सदन की कार्यवाही का संचालन किया और सभी दलों से शालीनता और गरिमा बनाए रखने की अपील की थी।अब सवाल ये उठता है – क्या स्वास्थ्य ही असली वजह है, या फिर इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम छिपा है?

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