उत्तर प्रदेश

“मॉडल चाय वाली” को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पुलिस उत्पीड़न की जांच के आदेश

लखनऊ, 26 जुलाई 2025 — उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कथित पुलिस उत्पीड़न और मारपीट के मामले में लखनऊ हाईकोर्ट ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को जांच के आदेश दिए हैं और छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

क्या है मामला?

सिमरन गुप्ता, जो इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर ‘मॉडल चाय वाली’ नाम से अपनी दुकान चलाती हैं, ने 8 जून 2025 की रात पुलिसकर्मियों पर मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी सिमरन के स्टॉल पर उनके साथ हाथापाई करते और बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं।

सिमरन ने आरोप लगाया कि राम राम बैंक चौकी के तत्कालीन इंचार्ज आलोक चौधरी, सिपाही अभिषेक यादव, दुर्गेश वर्मा और महिला सिपाही किरन अग्निहोत्री ने बिना कारण उनके साथ बदसलूकी की और उनका फोन भी छीन लिया।

कोर्ट ने लिया सख्त रुख

सिमरन द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस मनीष कुमार की खंडपीठ ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को जांच का जिम्मा सौंपा है। कोर्ट ने कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

वकील की दलील

सिमरन के वकील चंदन श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता ने घटना के बाद पुलिस कमिश्नर और डीसीपी को शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस अधिनियम की धारा 7 और 29 के तहत कार्यवाही होनी चाहिए।

कौन हैं सिमरन गुप्ता?

गोरखपुर की रहने वाली सिमरन गुप्ता, जिनका असली नाम आंचल गुप्ता है, 2018 में ‘मिस गोरखपुर’ रह चुकी हैं। आर्थिक हालात और पिता की बीमारी के चलते उन्होंने मॉडलिंग छोड़ी और ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से चाय का स्टॉल शुरू किया। पहले गोरखपुर और अब लखनऊ में उनकी चाय की दुकान खासा लोकप्रिय है। सिमरन सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं और इंस्टाग्राम पर उनके 29,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

अगली सुनवाई

कोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई इसी अवधि के बाद होगी।

Related Articles

Back to top button