राजनाथ सिंह का लोकसभा में बयान: “ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं, केवल रुका है

नई दिल्ली | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में पहलगाम हमले और उसके जवाब में किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह भारत बनाम पाकिस्तान नहीं, बल्कि सभ्यता बनाम बर्बरता का संघर्ष है।
“ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं”
रक्षा मंत्री ने कहा—
“पाकिस्तान के मन में जो गलतफहमी थी, उसे हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से दूर कर दिया। अगर कुछ बचा होगा, तो उसे भी दूर कर देंगे। यह ऑपरेशन रुका है, समाप्त नहीं हुआ है।”
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की नीति का समर्थन करते हुए कहा कि—
“बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। अगर पाकिस्तान फिर कोई हरकत करेगा, तो हमारी प्रतिक्रिया और भी कठोर होगी।”
“भारत की नीति बुद्ध से प्रेरित, लेकिन शौर्य में कमी नहीं”
रक्षा मंत्री ने भारत की परंपरा और ताकत पर बल देते हुए कहा—
“हमारी मूल प्रवृत्ति बुद्ध की है, युद्ध की नहीं। लेकिन अगर कोई हमारी संप्रभुता को चोट पहुंचाएगा, तो उसे करारा जवाब मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि भारत की नीति भगवान राम और भगवान कृष्ण की प्रेरणा से चलती है, जहां धैर्य और शौर्य दोनों हैं।
“आतंकवाद – पाकिस्तान की सोची समझी नीति”
राजनाथ सिंह ने कहा—
“पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई पागलपन नहीं, बल्कि एक सोची-समझी टूलकिट है। यह पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों की एक रणनीति है, जो लंबे समय से चल रही है।”
उन्होंने वी.एस. नायपाल को कोट करते हुए कहा—
“नायपाल ने सही कहा था कि पाकिस्तान में होना अपने आप में एक विरोधाभास है। वह एक ऐसी रचना है, जिसकी कोई स्पष्ट आत्मा नहीं है।”
सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक
रक्षा मंत्री ने सरकार के रुख को दोहराते हुए कहा—
“2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और अब 2025 का ऑपरेशन सिंदूर – ये सब दिखाते हैं कि हमने शांति की पहल भी की और जब ज़रूरत पड़ी तो सख्ती भी दिखाई।”
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राजनाथ सिंह के बयान से यह साफ हो गया कि भारत अब आतंकी घटनाओं को सिर्फ निंदा में नहीं, कार्रवाई में बदल रहा है। लोकसभा में यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष लगातार सरकार से जवाब मांग रहा था।