ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड मारे गए, परिजनों ने कहा – मिला न्याय, अब मिली राहत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। हमले में शामिल तीनों आतंकियों को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत ढेर कर दिया है। संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद इसकी जानकारी दी और बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान सुलेमान, जिबरान और अबू हमजा के रूप में हुई है।
इस हमले में मारे गए 26 लोगों के परिजनों ने सेना की इस कार्रवाई पर संतोष जताया है और कहा है कि अब जाकर उन्हें कुछ राहत और न्याय मिला है।
“सेना ने जो किया वो गर्व का विषय” – शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी इस हमले में मारे गए थे। उनकी पत्नी ऐशान्या ने कहा,
“यह गर्व का क्षण है। मुझे खुशी है कि जिन्होंने मासूमों को मारा, उन्हें भी मार गिराया गया। सेना का धन्यवाद करती हूं। आज मुझे थोड़ी राहत महसूस हो रही है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
“हमारे बेटे की शहादत बेकार नहीं गई” – संजय द्विवेदी
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने कहा,
“22 अप्रैल का हमला देश पर हमला था। सेना ने वीरता दिखाई और हमें न्याय दिलाया। हम सरकार से मांग करते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक चले, जब तक आखिरी आतंकी का सफाया न हो जाए।”
“प्रधानमंत्री पर भरोसा था” – संगीता गणबोटे
महाराष्ट्र के पुणे में रहने वालीं संगीता गणबोटे, हमले में मारे गए कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी हैं। उन्होंने कहा,
“हमें भरोसा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इन आतंकियों को खत्म किया जाएगा। सेना ने हमें गौरवान्वित किया है।”
“हमारी पीड़ा थोड़ी कम हुई” – प्रियदर्शनी आचार्य
ओडिशा के प्रशांत कुमार सत्पथी की पत्नी प्रियदर्शनी ने कहा,
“तीनों आतंकियों के मारे जाने की खबर से मैं बहुत खुश हूं। भारतीय सेना ने जो कदम उठाया, वह सही था। प्रधानमंत्री और सेना का आभार।”
“तीन महीने से इंतजार था इस खबर का” – प्रगति जगदाले
पुणे निवासी संतोष जगदाले की पत्नी प्रगति ने कहा,
“तीन महीने से मैं यही सोच रही थी कि मेरे पति के हत्यारों को कब सज़ा मिलेगी। कभी लगता था कि मेरे पास भी राइफल होती तो मैं खुद उन्हें खत्म कर देती। आज हमें न्याय मिला है।”
“अब हमें भी चैन की नींद आएगी” – असावरी जगदाले
संतोष की बेटी असावरी ने कहा,
“आज उन 26 लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी। हम चाहते हैं कि इस तरह के ऑपरेशन चलते रहें ताकि देश में शांति बनी रहे।”
सियासत के बीच सेना का साहस सलाम के काबिल
एक तरफ संसद में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर राजनीतिक घमासान जारी है, वहीं शहीदों के परिजन साफ कर रहे हैं कि वे सिर्फ एक चीज चाहते हैं – न्याय और आतंकवाद का अंत। सेना ने अपने एक्शन से न सिर्फ जवाब दिया है, बल्कि देशवासियों के विश्वास को भी मजबूत किया है।