उत्तर प्रदेश

CM योगी ने पंचायती राज विभाग का विवादास्पद आदेश किया रद्द, अफसर सस्पेंड

लखनऊ — उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए पंचायती राज विभाग के उस विवादास्पद आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया, जिसमें अवैध कब्ज़ों को हटाने के संदर्भ में जाति और धर्म विशेष का उल्लेख किया गया था। इस आदेश को मुख्यमंत्री योगी ने ‘गंभीर प्रशासनिक चूक’ करार देते हुए संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को निलंबित करने का निर्देश दिया।

क्या था पूरा मामला?

पंचायती राज विभाग द्वारा जारी एक आदेश में ग्राम सभा की ज़मीन से अवैध कब्ज़ा हटाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इस आदेश में एक विशेष जाति और धर्म का नाम लेकर उसे लक्षित किया गया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया।

जैसे ही यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और विपक्षी दलों ने इसे लेकर सवाल उठाए, मुख्यमंत्री कार्यालय ने तुरंत संज्ञान लिया और कड़ी कार्रवाई की घोषणा कर दी।

सीएम योगी का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि,

इस तरह की भाषा और सोच न केवल शासन की नीतियों के खिलाफ है, बल्कि समाज में विभाजन पैदा करने वाली है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि,

अवैध कब्ज़ों के खिलाफ कार्रवाई पूरी निष्पक्षता, तथ्यों और कानून के मुताबिक होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर।

अफसर पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विवादित आदेश जारी करने वाले संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शासन ने इस पूरे मामले को प्रशासनिक गलती मानते हुए आगे भी जांच के आदेश दिए हैं।

विपक्ष हमलावर

इस पूरे घटनाक्रम पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन सीएम योगी की तुरंत और सख्त कार्रवाई से स्थिति को संभाल लिया गया। समाज के सभी वर्गों ने इस निर्णय का स्वागत किया और इसे “न्याय और समानता के सिद्धांतों के अनुरूप” बताया।

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