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सीमा पर राखी का बंधन: देश की रक्षा कर रहे जवानों को बहनों का सलाम

पूरा देश आज रक्षाबंधन के पावन पर्व को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहा है। इस मौके पर जहां घरों में बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांध रही हैं, वहीं सीमा पर तैनात देश के सपूतों को भी इस पावन पर्व की खुशियों से जोड़ा गया है।

फिरोजपुर में स्कूली बच्चों ने जवानों को बांधी राखी

पंजाब के फिरोजपुर में स्कूली बच्चों और महिलाओं ने BSF जवानों और पुलिस अधिकारियों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया।एसएसपी भूपिंदर सिंह सिद्धू को भी बच्चों ने राखी बांधी और उन्हें मिठाइयाँ भेंट कीं। इस मौके पर उन्होंने कहा:“यह बहुत ही भावुक पल है। बच्चों से राखी बंधवाकर ऐसा महसूस हुआ जैसे परिवार यहीं है। हम वादा करते हैं कि हर महिला और बच्चा सुरक्षित महसूस करे, इसके लिए हमारी पूरी टीम प्रतिबद्ध है।”

सीमा की रक्षक बनीं बहनें

बीएसएफ की महिला जवानों ने कहा कि वे भले ही अपने घरों से दूर हैं, लेकिन बच्चों और बहनों ने उन्हें अपनापन महसूस कराया।
भारत-पाक सीमा, अटारी-वाघा बॉर्डर और जैसलमेर के सरहदी इलाकों में भी रक्षाबंधन के दृश्य बेहद भावुक कर देने वाले रहे।“जब बहनें सरहद तक चलकर राखी लेकर आती हैं, तो लगता है कि हम अकेले नहीं हैं। पूरा देश हमारे साथ है,” — एक बीएसएफ जवान।

राजस्थान में भी मनाया गया पर्व

जैसलमेर की 122वीं बीएसएफ वाहिनी, साउथ सेक्टर में बालिकाएं पहुंचीं और उन्होंने जवानों की कलाई पर राखी बांधी। इस दौरान कुछ बहनें भावुक भी हो गईं। जवानों ने भी उन्हें मिठाइयाँ दीं और भाई-बहन के इस अनोखे रिश्ते को निभाया।

संदेश: रक्षाबंधन सिर्फ रिश्ते नहीं, भावनाओं का पर्व है

रक्षाबंधन का पर्व केवल भाई-बहन के पारिवारिक रिश्ते तक सीमित नहीं, बल्कि यह हर उस शख्स के लिए बहनों की दुआ है, जो उनकी रक्षा के लिए खड़ा है। सीमा पर तैनात जवानों के साथ बहनों का यह जुड़ाव भारतीय संस्कृति की संवेदनशीलता और समर्पण का प्रतीक है।

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