जन्माष्टमी पर काशी से मथुरा पहुंचे विशेष उपहार, निभाई गई वर्षों पुरानी अनोखी परंपरा

वाराणसी: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों से लेकर घरों तक भक्तों ने झांकियां सजाईं और रात्रि को मध्यरात्रि के समय श्रीकृष्ण जन्म की विशेष पूजा-अर्चना की। इसी क्रम में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भी जन्माष्टमी की धूम देखने को मिली।
काशी में हर वर्ष निभाई जाने वाली एक अनोखी परंपरा इस बार भी कायम रही, जब श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से मथुरा के लड्डू गोपाल को उनके जन्मोत्सव पर विशेष उपहार भेजा गया। यह परंपरा कई वर्षों से निरंतर जारी है और इसका उद्देश्य दो प्रमुख धार्मिक स्थलों के बीच एकता और सहभक्ति का संदेश देना है।
विश्वनाथ को अर्पित कर भेजा गया उपहार
श्रद्धा और विधि-विधान के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आयोजन हुआ। पूजन के बाद लड्डू गोपाल के लिए तैयार किए गए उपहार पहले बाबा विश्वनाथ को अर्पित किए गए और फिर उन्हें मथुरा रवाना किया गया।
परंपरा का महत्व और शुरुआत
हिंदू शास्त्रों के अनुसार जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब समस्त देवी-देवताओं ने प्रसन्नता व्यक्त की थी। इसी भाव को जीवित रखने के लिए यह परंपरा शुरू की गई थी। बताया जाता है कि 2024 से ही विश्वनाथ धाम से मथुरा के लड्डू गोपाल के लिए उपहार भेजने की यह अनूठी परंपरा शुरू की गई थी, जो अब हर साल निभाई जा रही है।
काशी और मथुरा, दोनों ही हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माने जाते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर इन दोनों के बीच इस प्रकार का धार्मिक आदान-प्रदान श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
इस आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। पूजन और उपहार भेजने की परंपरा के साक्षी बनकर भक्तों ने अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा और आनंद का अनुभव किया।