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यूट्यूब पर पत्रकार का चैनल बिना नोटिस हटाने पर एडिटर्स गिल्ड का ऐतराज़, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल

नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकार और गिल्ड के महासचिव रुबेन बनर्जी के यूट्यूब चैनल को बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के हटाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। गिल्ड ने कहा कि यह कदम अभिव्यक्ति की आज़ादी और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।

गिल्ड ने अपने बयान में कहा:

“एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया बेहद चिंतित है कि वरिष्ठ पत्रकार और गिल्ड के महासचिव रुबेन बनर्जी का यूट्यूब चैनल बिना किसी चेतावनी या नोटिस के अचानक बंद कर दिया गया है।”

गिल्ड ने यूट्यूब से चैनल को तुरंत बहाल करने और बंद करने की स्पष्ट वजह सार्वजनिक करने की मांग की है।

गिल्ड ने क्यों जताई चिंता?

गिल्ड ने कहा कि यह कोई अकेला मामला नहीं है। बयान के मुताबिक:

हाल ही में इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट पूनम अग्रवाल का एक वीडियो यूट्यूब से बिना जानकारी या स्पष्ट कारण के हटा दिया गया।

अप्रैल में पत्रकार संजय शर्मा का 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क सरकार के ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘लोक व्यवस्था’ का हवाला देते हुए भारत में ब्लॉक कर दिया गया था। बाद में मई में आदेश वापस लिया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद ही चैनल बहाल हुआ।

गिल्ड की अपील: पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी

एडिटर्स गिल्ड ने कहा:

“ऑनलाइन मीडियम में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उतनी ही ज़रूरी है जितनी ऑफ़लाइन। लोकतंत्र को मज़बूत बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि यूट्यूब जैसे प्लेटफ़ॉर्म पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही से काम करें, ताकि ज़िम्मेदार पत्रकारिता की रक्षा हो, उसे दंडित न किया जाए।”

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