प्रियंका गांधी ने हरियाणा आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को दलित अत्याचार का मुद्दा बताया

हरियाणा में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए दलित समाज के खिलाफ बढ़ते अत्याचार पर चिंता व्यक्त की है।
प्रियंका गांधी ने कहा, “जातीय प्रताड़ना से परेशान होकर हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार जी की आत्महत्या से पूरा देश स्तब्ध है। देश भर में दलितों के खिलाफ अन्याय, अत्याचार और हिंसा का सिलसिला भयावह रूप ले चुका है।”
उन्होंने रायबरेली में हुई हरिओम वाल्मीकि हत्या और मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर हमला का उदाहरण भी दिया। प्रियंका गांधी ने कहा, “पहले रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, फिर न्यायाधीश का अपमान और अब वरिष्ठ अधिकारी की आत्महत्या यह साबित करती है कि बीजेपी राज दलितों के लिए अभिशाप बन गया है।”
उन्होंने यह भी कहा, “चाहे कोई आम नागरिक हो या उच्च पद पर, अगर वह दलित समाज से है तो अन्याय और अमानवीयता उसका पीछा नहीं छोड़ती। जब ऊंचे ओहदे पर बैठे दलितों का यह हाल है तो आम दलित समाज की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।”
मंगलवार को वाई पूरन कुमार चंडीगढ़ स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। चंडीगढ़ एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि उन्हें रिपोर्टेड सुसाइड की सूचना मिली थी और मृतक की पहचान वाई पूरन कुमार के रूप में हुई।
पीटीआई के मुताबिक, 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार रोहतक के सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में इंस्पेक्टर जनरल (IG) के पद पर तैनात थे।
गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वाई पूरन कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार से मुलाकात की। अमनीत कुमार ने इस मामले में मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भी सौंपा।