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एनडीए में सीट बंटवारे पर सहमति लेकिन सस्पेंस बरकरार, गिरिराज सिंह का जेडीयू पर तंज

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जारी खींचतान अब भी खत्म नहीं हुई है। संख्या तय हो गई है, लेकिन कौन सी पार्टी कौन सी सीट पर लड़ेगी, इस पर पेंच अब भी फंसा है। इसी वजह से आज होने वाली एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी टाल दी गई।

जेडीयू नेता सीटों के बंटवारे में 2024 के लोकसभा चुनाव का हवाला दे रहे हैं। उनका कहना है कि तब बीजेपी 17 और जेडीयू 16 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन जेडीयू ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 12 सांसद जिताए थे। जेडीयू नेता अपने बेहतर “स्ट्राइक रेट” का दावा कर रहे हैं।

इस दावे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पलटवार किया। उन्होंने लिखा, “आज मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट का झुनझुना बजा रहे हैं। 2010 में एनडीए ने इतिहास रचा था। 243 में से 206 सीटें जीतीं। जेडीयू ने 141 में से 115 और बीजेपी ने 102 में से 91 सीटें जीतीं। तब बीजेपी का स्ट्राइक रेट 89% था।” उन्होंने आगे कहा, “इतनी प्रचंड जीत फिर कभी नहीं दोहराई गई। तब भी धर्मेंद्र प्रधान प्रभारी थे, आज भी वही प्रभारी हैं।”

गिरिराज सिंह ने अपने पोस्ट में चिराग पासवान पर भी अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा।

इस बीच, एनडीए में सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है। बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 6-6 सीटें दी गई हैं।

हालांकि, इस बार के बंटवारे में एक बड़ा बदलाव यह है कि अब एनडीए में नीतीश कुमार “बड़े भाई” नहीं रहे। 2005 से लेकर 2020 तक वे इस भूमिका में रहे, लेकिन अब बीजेपी और जेडीयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, यानी इस बार एनडीए में सब बराबर दिखेंगे।

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