महाविकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी ने वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए राज्य चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा है। पार्टी का दावा है कि कई जिलों में एक ही वोटर के नाम कई बूथ और तहसील में दर्ज हैं, और एक घर में चार मतदाता होने के बावजूद लिस्ट में चार से ज्यादा नाम दिखाए गए हैं।
एनसीपी (शरद पवार) गुट के नेता जितेंद्र अहवाड़ ने कागज़ दिखाते हुए कहा,
“लातूर, नांदेड़ सहित कई जिलों से शिकायतें आई हैं। चुनाव आयोग को हमने पूरी जानकारी दे दी है। अब उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। ये बोगस वोट ही महायुति को जिताते हैं।”
अहवाड़ ने यह भी कहा कि बिहार में हुई एसआईआर प्रक्रिया जैसी व्यवस्था महाराष्ट्र में लागू करनी चाहिए, लेकिन उनका कहना है कि बीजेपी हर सिस्टम अपने अनुसार सेट कर रही है।
अगले कदम के लिए इंतजार
शरद पवार गुट के महाराष्ट्र अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने कहा कि वे अगले दो दिन इंतजार करेंगे कि केंद्र और राज्य चुनाव आयोग के बीच क्या चर्चा होती है और क्या निर्णय आता है। इसके बाद आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भी चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि मतदाताओं के नाम दर्ज करने के लिए हरे पेन और नाम काटने के लिए लाल पेन का आदेश ऊपर से दिया गया है। पाटिल ने चुनाव आयोग पर शिकायतों को नजरअंदाज करने और उन पर पर्दा डालने का भी आरोप लगाया और कई सबूत भी पेश किए।
सनसनीखेज घटना का खुलासा
जयंत पाटिल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से एक चौकाने वाली जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मकान नंबर एक में 188 मतदाता दर्ज थे, लेकिन वह मकान गांव में ही मौजूद नहीं था। जब इस पर चुनाव अधिकारियों से सवाल किया गया, तो जवाब मिला कि शिकायत करने से मतदाता की निजता भंग होती है, इसलिए जानकारी नहीं दी जा सकती।
पार्टी का कहना है कि इन गड़बड़ियों के चलते महायुति को चुनाव में लाभ मिल रहा है और अब उनका अगला कदम तय करने के लिए चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार किया जाएगा।