उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में SIR का दूसरा चरण 4 नवंबर से, अखिलेश यादव ने नियुक्त किए PDA प्रहरी

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होगी। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) ने वोटर लिस्ट निगरानी के लिए बड़ा कदम उठाया है।
पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने SIR प्रक्रिया में PDA प्रहरी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इन प्रहरी का मुख्य काम मतदाता सूची में गड़बड़ियों पर निगरानी रखना और PDA समुदायों के वोटरों के अधिकार की सुरक्षा करना बताया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने इस बात की पुष्टि अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर की और लिखा:
“सबको उसके वोट का अधिकार दिलवाना है। हर वोट का प्रहरी बनकर लोकतंत्र बचाना है। #पीडीए_प्रहरी”
सपा सूत्रों के अनुसार, ये प्रहरी ब्लॉक और विधानसभा स्तर पर सक्रिय रहेंगे। वे फॉर्म-6 (नाम जोड़ना) और फॉर्म-7 (नाम हटाना) जैसी प्रक्रियाओं की जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि PDA समुदाय के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए न जाएँ। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट को लेकर किसी भी जोखिम से बचने की रणनीति के तहत उठाया गया है।
चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को बताया कि SIR प्रक्रिया 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगी। इसमें शामिल हैं: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल के साथ अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप और पुदुचेरी।
इस प्रक्रिया में अवैध मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे और नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा। विपक्ष इस प्रक्रिया को लेकर आयोग की मंशा पर लगातार सवाल उठाता रहा है, जिससे आगामी चुनावों में यह मुद्दा गरमाने की संभावना जताई जा रही है।

