उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए कई मुद्दे, बिहार हिंसा पर दिया बयान


समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना, बिहार में चुनावी हिंसा, और उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की।

जाति गणना के लिए एसआईआर में कॉलम जोड़ने की मांग

अखिलेश यादव ने कहा कि एसआईआर (Systematic Intensive Review) प्रक्रिया के दौरान हर वोटर की एक्सरसाइज हो रही है, ऐसे में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर प्राइमरी जातीय जनगणना की जा सकती है। उन्होंने कहा, “जाति गणना तो बाद की बात है, लेकिन प्राइमरी जाति जनगणना हो सकती है। सरकार से हमारी उम्मीद है कि वे इस सुझाव को मानेंगे।”

सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि इस कॉलम के जरिए वोटर लिस्ट को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाया जा सकता है।

बिहार में दुलारचंद यादव हत्या पर प्रतिक्रिया

बिहार के मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या पर अखिलेश यादव ने कहा, “एनडीए ने ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारे जो बड़े अव्वल दर्जे के बदमाश रहे। चुनाव के दौरान ऐसी बड़ी घटना हुई तो सवाल उठता है कि लॉ एंड ऑर्डर का क्या हाल है।”उन्होंने कहा कि यह घटना स्पष्ट करती है कि राज्य में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर पर टिप्पणी

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “अंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा असुरक्षित बेटियां यूपी में हैं। पहले एक गाड़ी पलटाई थी, वो सरकार बचाने में लगी थी। विकास दुबे और अखिलेश दुबे के मामले ने सच्चाई सामने ला दी।”

सपा सरकार में स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार का आश्वासन

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी फिर सत्ता में आती है तो एम्बुलेंस बढ़ाई जाएंगी और बेहतर इलाज की व्यवस्था की जाएगी। विश्वविद्यालयों और मंडियों की स्थिति पर भी उन्होंने चिंता जताई।उन्होंने किसानों के मुद्दों पर कहा कि मंडियों को प्राइवेट करने की तैयारी हो रही है, और पीडीए के खिलाफ अन्याय हो रहा है।

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