दिल्ली हाईकोर्ट ने पवन कल्याण की पर्सनैलिटी राइट्स के उल्लंघन पर कार्रवाई का आदेश दिया

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और अभिनेता पवन कल्याण की याचिका पर सोशल मीडिया और सर्च इंजन प्लेटफॉर्म्स मेटा, गूगल और X को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुछ एंटिटीज़ उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन कर रही हैं और उनकी अनुमति के बिना उनके नाम, पहचान और तस्वीरों का कमर्शियल फायदा उठाया जा रहा है।
कोर्ट ने क्या कहा
- जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि वादी (पवन कल्याण) 2 दिनों के भीतर उल्लंघन करने वाले URLs इंटरमीडियरीज के पास जमा करें।
- इंटरमीडियरीज को निर्देश दिया गया कि वे एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई करें।
- अगर इंटरमीडियरीज को कोई दिक्कत है तो वे वादी को सूचित कर सकते हैं।
- अगले कदम की सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।
पिछला समान मामला: अजय देवगन
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अजय देवगन से जुड़े मामले में भी हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक सामग्री हटाने से पहले वादी को इंटरमीडियरीज के समक्ष शिकायत दर्ज करानी होगी।
याचिका की पृष्ठभूमि
- याचिका में कहा गया कि सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स पर कई एंटिटीज़ बिना अनुमति पवन कल्याण के पर्सनैलिटी एलिमेंट्स का इस्तेमाल कर रही हैं।
- इससे पवन कल्याण की छवि और व्यावसायिक हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
अदालत का आदेश
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सूचना एवं प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत कार्रवाई करनी होगी।
- कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इंटरमीडियरीज को याचिका को शिकायत मानकर सात दिनों के भीतर आवश्यक कदम उठाने होंगे।
इस आदेश के बाद पवन कल्याण की शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई होने की संभावना है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आपत्तिजनक सामग्री हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।
यदि आप चाहें तो मैं इस मामले में पवन कल्याण और अजय देवगन केस के बीच तुलना कर एक छोटा विश्लेषण भी तैयार कर दूँ। यह दिखाएगा कि अदालत ने किस तरह सोशल मीडिया पर्सनैलिटी राइट्स के मामलों में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।


