यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा करोड़ों की ठगी करने वाला रियल एस्टेट माफिया प्रमोद उपाध्याय
लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने रियल एस्टेट के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले शातिर आरोपी प्रमोद कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी 15 जून की शाम करीब 5:10 बजे मोहनलालगंज थाना क्षेत्र स्थित कान्हा उपवन के पास ज्योतिनगर मोड़ से की गई।

आरोपी के खिलाफ लखनऊ के विभिन्न थानों में 30 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें धोखाधड़ी, संपत्ति कब्जा, आपराधिक षड्यंत्र, मारपीट और धमकी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
इन्फ्राविजन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर फर्जी रजिस्ट्री का खेल
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि प्रमोद उपाध्याय ने ‘इन्फ्राविजन प्राइवेट लिमिटेड’ नामक फर्जी कंपनी बनाकर जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री कर करोड़ों की ठगी की। इस काम में उसका भाई विनोद उपाध्याय और पिता हरिद्वार उपाध्याय (अब स्वर्गीय) भी शामिल थे।
ये लोग खुद को प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कंपनी का प्रतिनिधि बताते और लोगों को लुभावने प्लॉट ऑफर देकर जमीन की रजिस्ट्री करा लेते थे। बाद में पता चलता था कि या तो जमीन मौजूद ही नहीं है, या उस पर कंपनी का कोई अधिकार नहीं है।
NRI और बाहरी लोगों को बनाया निशाना
गिरोह का मुख्य निशाना वे लोग होते थे जो राज्य से बाहर नौकरी करते हैं और साइट का निरीक्षण केवल एक-दो बार ही कर पाते हैं। कई पीड़ितों से यह कहकर दूसरी जमीन या पैसे लौटाने का वादा भी किया गया, जो कभी पूरा नहीं हुआ।
ठगी के पैसे से बनाए शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
प्रमोद उपाध्याय ने ठगी के पैसों से खलीलाबाद, प्रतापगढ़ और बिहार के रक्सौल में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और अन्य प्रॉपर्टी में भारी निवेश किया। मुकदमे दर्ज होने के बाद वह गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गया था और अपने कार्यालय बंद कर दिए थे। एसटीएफ को शक है कि वह देश छोड़ने की फिराक में भी था।
रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ते फर्जीवाड़े पर सख्ती
रियल एस्टेट सेक्टर में हाल के वर्षों में फर्जीवाड़ा तेजी से बढ़ा है, जिससे आम लोग अपनी जीवनभर की पूंजी गंवा रहे हैं। एसटीएफ की यह कार्रवाई न सिर्फ आम जनता को जागरूक करने की दिशा में अहम है, बल्कि रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने के प्रयास का भी हिस्सा है।
फिलहाल प्रमोद उपाध्याय को मोहनलालगंज थाने में दर्ज मामले में दाखिल कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। एसटीएफ अब उससे जुड़े अन्य आरोपियों और संपत्तियों की जांच में जुटी है।