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हिमाचल: मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ FIR दर्ज, NHAI अधिकारी से मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप

शिमला | हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ एक गंभीर मामला सामने आया है। उन पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ बदसलूकी और शारीरिक हमले का आरोप लगा है। इसी आरोप के आधार पर शिमला पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की है।

मामला तब सामने आया जब 30 जून को शिमला जिले के भट्टाकुफर क्षेत्र में पांच मंजिला इमारत के ढहने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया जा रहा था। इस दौरान कथित तौर पर मंत्री ने NHAI के अधिकारी अचल जिंदल और उनके एक सहयोगी के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर हमला किया।

शिकायत और FIR में क्या कहा गया?

एनएचएआई के प्रबंधक अचल जिंदल की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है। शिकायत में कहा गया है कि मंत्री ने उनके साथ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और फिर उन्हें व उनके सहयोगी को एक कमरे में बुलाकर शारीरिक हमला किया गया।

FIR के अनुसार:

  • पीड़ित के सिर पर फूल के गमले से वार किया गया।
  • किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने बचाव में हस्तक्षेप नहीं किया।
  • घायल अधिकारी और उनका सहयोगी इलाज के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) अस्पताल गए।

मामले में BNS की धाराएं 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

 NHAI चेयरमैन ने क्या कहा?

घटना को लेकर NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया:”30 जून को शिमला बाईपास परियोजना के निरीक्षण के दौरान मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने NHAI अधिकारियों के साथ अभद्रता की। इस हमले में अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।”

 क्या बोले मंत्री विक्रमादित्य सिंह?

मामले पर हिमाचल सरकार के वरिष्ठ मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा:”मुझे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय से पत्र मिला है। मैंने मुख्यमंत्री को इस बारे में सूचित कर दिया है। इस मामले में जो भी कार्रवाई होगी, वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार की जाएगी।”

अनिरुद्ध सिंह ने क्या कहा?

मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। वहीं, इस मामले को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

शासकीय पद पर बैठे एक मंत्री के खिलाफ इस तरह की FIR हिमाचल की राजनीति में गंभीर प्रश्न खड़े कर रही है। जहां एक ओर सरकार की छवि पर असर पड़ सकता है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा और गरिमा को लेकर भी चिंता बढ़ी है। अब देखना होगा कि इस मामले में मुख्यमंत्री और प्रशासन आगे क्या कदम उठाते हैं।

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