उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव के आजमगढ़ गृह प्रवेश से पहले ब्राह्मण समाज का विरोध, काले झंडों के साथ जताई नाराज़गी

आजमगढ़ – समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के आजमगढ़ स्थित नवनिर्मित आवास को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कंधरापुर थाना क्षेत्र के अनवरगंज में बने इस नये घर का गृह प्रवेश कार्यक्रम तय था, लेकिन इससे पहले ही ब्राह्मण समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

अखिलेश यादव पर लगे गंभीर आरोप

ब्राह्मण समाज के लोगों का आरोप है कि अखिलेश यादव इटावा की एक घटना पर राजनीति कर रहे हैं, जिससे ब्राह्मणों की छवि को ठेस पहुंची है। यह घटना कथावाचकों की जाति को लेकर विवाद और कथित मारपीट से जुड़ी बताई जा रही है।

इसी विरोध के तहत आजमगढ़ के कई विधानसभा क्षेत्रों—अतरौलिया, सगड़ी, मुबारकपुर आदि में लोगों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाकर नाराज़गी जाहिर की है।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं

भाजपा नेता हरबंस मिश्रा ने इस मसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“अखिलेश यादव ने इटावा की घटना को लेकर राजनीति की, जिससे यादव और ब्राह्मणों के बीच सदियों से चली आ रही घनिष्ठता में दरार आई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि:

“ब्राह्मण यादव के घर पूजा करता है और यादव ब्राह्मण के घर दूध निकालता है, यह सामाजिक सद्भाव अब खतरे में है।”

क्या होगा असर आगामी चुनाव पर?

आजमगढ़ सपा का मजबूत गढ़ माना जाता है और यहां ब्राह्मण और यादव समुदाय दोनों का मजबूत समर्थन पार्टी को मिलता रहा है। ऐसे में इस तरह का विरोध पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से चिंताजनक संकेत है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह नाराज़गी बनी रही तो इसका असर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है।

सपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं

अब तक समाजवादी पार्टी की ओर से इस विरोध प्रदर्शन या आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पार्टी के कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इसे “राजनीतिक साजिश” बताकर खारिज किया है।

अखिलेश यादव के आजमगढ़ में नये घर के गृह प्रवेश से पहले उभरे ब्राह्मण विरोध ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। यह सिर्फ एक स्थानीय नाराज़गी नहीं बल्कि सामाजिक समीकरणों में बदलाव का संकेत भी हो सकता है, जो यूपी की राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है।

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