उत्तर प्रदेश

शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा की आत्महत्या पर बवाल, प्रियंका गांधी बोलीं – क्या कैंपस अब सुरक्षित नहीं?

ग्रेटर नोएडा | शारदा यूनिवर्सिटी की बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा ज्योति द्वारा आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में अब कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार और शैक्षणिक संस्थानों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और इसने हमारे सिस्टम की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रियंका गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“पहले ओडिशा में एक छात्रा को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया और अब ग्रेटर नोएडा के शारदा यूनिवर्सिटी में एक और दुखद घटना सामने आई है। क्या हमारे शैक्षणिक संस्थान बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं? जहां जिंदगी ही सुरक्षित न हो वहां वे बेहतर जिंदगी के सपने कैसे देखेंगे?”

मानसिक प्रताड़ना का आरोप

ज्योति ने खुदकुशी से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसरों — महेंद्र सर और शैरी मैम — पर मानसिक प्रताड़ना और अपमानित करने के आरोप लगाए हैं। उसने लिखा कि,
“सॉरी, मैं अब जी नहीं सकती। महेंद्र सर और शैरी मैम ने मुझे मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ित किया। मैं लंबे समय से डिप्रेशन में हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार यही दोनों हैं। मैं चाहती हूं कि इन्हें भी वही भुगतना पड़े। इन्हें जेल भेजा जाए।”

ज्योति गुरुग्राम के अशोक विहार की रहने वाली थी और शारदा यूनिवर्सिटी के मंडेला गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। शुक्रवार को उसने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी।

छात्रों का हंगामा, जांच शुरू

घटना के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में तनाव फैल गया। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं हॉस्टल और प्रशासनिक भवन के बाहर जमा हो गए और न्याय की मांग करने लगे। छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने ज्योति पर फर्जी अभिभावक हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया था, जिससे वह मानसिक रूप से टूट चुकी थी।

बताया गया कि गुरुवार से लेकर शनिवार तक उसे प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग (PCP) से निकाल दिया गया और उसकी फाइल एचओडी के पास भेज दी गई। सोमवार को जब उसके माता-पिता यूनिवर्सिटी पहुंचे, तब जाकर उसे उसकी फाइल वापस दी गई।

दो प्रोफेसर सस्पेंड, प्रियंका की मांग – हो सख्त कार्रवाई

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से दोनों प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए पुलिस को सूचित कर दिया गया है।

प्रियंका गांधी ने सरकार से इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि,
“लड़कियां हर पड़ाव पर दोगुना संघर्ष करके आगे बढ़ती हैं। इस तरह की घटनाएं उन्हें हतोत्साहित करती हैं। केंद्र सरकार को इन घटनाओं पर सख्त एक्शन लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी कैंपस में ऐसी घटना दोबारा न हो।”

क्या शिक्षा संस्थान बन गए हैं दबाव के अड्डे?

यह घटना एक बार फिर इस सवाल को सामने लाती है कि क्या भारत के शैक्षणिक संस्थान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर पर्याप्त गंभीर हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में केवल प्रशासनिक कार्रवाई काफी नहीं है, बल्कि संस्थागत सुधार की सख्त जरूरत है।

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