देश-विदेश

राहुल गांधी का ‘मेक इन इंडिया’ पर तंज: बोले – इसका नाम बदलकर ‘असेंबल इंडिया’ कर देना चाहिए

नई दिल्ली | लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना पर सवाल उठाए हैं। शनिवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए योजना की आलोचना की। इस वीडियो में राहुल ग्रेटर नोएडा की एक टीवी निर्माण यूनिट में दिखाई दे रहे हैं, जहां प्रतिदिन करीब 20,000 टेलीविजन असेंबल किए जाते हैं।

वीडियो के साथ राहुल गांधी ने लिखा:

“क्या आप जानते हैं कि भारत में बने ज्यादातर TVs का 80% हिस्सा चीन से आता है? मेक इन इंडिया के नाम पर हम सिर्फ असेंबली कर रहे हैं। असली मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो रही। iPhone से लेकर TV तक – पुर्ज़े विदेश से आते हैं, हम बस जोड़ते हैं।”

‘मेक इन इंडिया’ को बताया खोखला

राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “रोजगार, विकास और मेक इन इंडिया जैसी बातें केवल भाषणों में हैं। हकीकत में ज़मीन पर कुछ और ही हो रहा है। योजना का नाम अब ‘असेंबल इंडिया’ कर देना चाहिए।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छोटे उद्यमी देश में निर्माण करना चाहते हैं लेकिन उन्हें न तो पर्याप्त नीति-सहारा मिल रहा है और न ही सरकार की तरफ से सहयोग। इसके विपरीत, भारी टैक्स और कुछ चुने हुए कॉरपोरेट घरानों के एकाधिकार ने देश के उद्योगों को जकड़ रखा है।

‘चीन को टक्कर देने के लिए असली निर्माण ज़रूरी’

राहुल गांधी ने लिखा कि भारत को अगर वास्तव में चीन को टक्कर देनी है तो केवल असेंबली नहीं, असली निर्माण (Real Manufacturing) की दिशा में काम करना होगा। इसके लिए “जमीनी बदलाव” की आवश्यकता है, जिससे भारत ‘असेंबली लाइन’ से बाहर निकलकर “मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस” बन सके।

बिजनेस यूनिट्स के दौरे से सरकार पर दबाव

राहुल गांधी ने हाल के महीनों में कई बिजनेस यूनिट्स का दौरा किया है और उनसे जुड़ी बातचीत के वीडियो शेयर कर सरकार की आर्थिक और औद्योगिक नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष में रहते हुए वे लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि भारत को उत्पादन आधारित नीति की जरूरत है, न कि केवल भाषणों और नारों की।

Related Articles

Back to top button