लखनऊ में अवैध निर्माण पर बड़ी राहत: यूपी सरकार ने नई भवन निर्माण उपविधि को दी मंजूरी

लखनऊ— राजधानी लखनऊ के नागरिकों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नई भवन निर्माण उपविधि को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत 24 मीटर या उससे चौड़ी सड़कों पर स्थित आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक निर्माण को वैध किया जा सकेगा। इस फैसले से करीब एक लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनके निर्माण अब तक अवैध माने जाते थे।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जानकारी दी कि नई उपविधि के तहत अब 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है। इससे पहले इन क्षेत्रों में ऐसे निर्माण को अवैध मानते हुए सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाती थी।
एलडीए के अनुसार, अब इन निर्माणों को शमन मानचित्र के माध्यम से वैध कराया जा सकेगा, साथ ही पुराने निर्माण हटाकर नए सिरे से मानचित्र पास कराना भी संभव होगा। इसके अतिरिक्त भवन की ऊंचाई पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा, क्योंकि फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) भी बढ़ाया जा रहा है।
नियोजित विकास को मिलेगा बढ़ावा
एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि इस निर्णय से शहर के नियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा और नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया तेज होने से प्राधिकरण की आय में भी इजाफा होगा। लखनऊ में फिलहाल करीब 70 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें 24 मीटर से चौड़ी हैं, जिनमें अलीगंज, गोमतीनगर, जानकीपुरम, आशियाना सहित शहर के कई प्रमुख इलाके शामिल हैं।
व्यापारियों में खुशी की लहर
सरकारी फैसले का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा कि इससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी राजस्व बढ़ेगा और नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ अग्रवाल और महामंत्री योगेंद्र सिंह ने कहा कि 100 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर आवासीय भवन और 30 वर्गमीटर तक के भूखंडों पर दुकानों की मंजूरी से छोटे व्यापारी, खासकर युवा और महिलाएं लाभान्वित होंगी।
आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा नया आयाम
व्यापारियों का मानना है कि इस नीति से शहर में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और लघु एवं मध्यम स्तर के व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। नई भवन उपविधि न केवल पुराने विवादों को सुलझाएगी, बल्कि शहर के समग्र विकास में भी योगदान देगी।