बिहार बंद में राहुल गांधी का हमला: “महाराष्ट्र में चुनाव चोरी हुआ, अब बिहार की बारी है”

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ आज महागठबंधन के आह्वान पर बिहार बंद का आयोजन हुआ, जिसमें कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। पटना पहुंचे राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ ट्रक पर सवार होकर चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च करने की कोशिश की, जिसे सुरक्षा कारणों के चलते बीच में ही रोक दिया गया। हालांकि, इसके बाद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।
राहुल गांधी का आरोप: “महाराष्ट्र में चुनाव चोरी हुआ,
राहुल गांधी ने कहा कि देश में अब लोकतंत्र नहीं, डेटा की सत्ता चल रही है। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए, तब अचानक 1 करोड़ नए वोटर्स जुड़ गए और उन्हीं क्षेत्रों में बीजेपी को जीत मिली। उनका कहना था कि यह सब डिजिटल हेराफेरी और वोटर डेटा के साथ खेल का नतीजा है।
“महाराष्ट्र में चुनाव चोरी हुआ। अब बिहार में वैसा ही किया जा रहा है। यह गरीबों का वोट छीनने की साज़िश है।”
“बिहार में गड़बड़ी नहीं होने देंगे” – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा:
“यह बिहार है। यहां की जनता सजग है। ये गड़बड़ी नहीं होने देगी। ये राज्य लोकतंत्र की जननी है और लोकतंत्र की हत्या बर्दाश्त नहीं करेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष संस्था नहीं रह गया है, बल्कि वह बीजेपी और आरएसएस की तरह व्यवहार कर रहा है।
चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि जब उनकी पार्टी और महागठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट की जानकारी मांगी, तो आयोग ने जवाब देना बंद कर दिया।
“चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट छुपा दी। कई बार मांगने पर भी नहीं दी गई। वे कुछ छिपा रहे हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब चुनाव आयुक्त का चयन सर्वसम्मति से नहीं होता, बल्कि बीजेपी ही उसे चुनती है, जिससे उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठना लाज़िमी है।
बिहार बंद का असर और विपक्षी एकजुटता
इस बिहार बंद में राजद, कांग्रेस, वामदल और अन्य महागठबंधन दल शामिल रहे। बंद के दौरान कई जिलों में जुलूस, प्रदर्शन और जनसभाएं हुईं। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की एकजुटता ने इस प्रदर्शन को और भी ताकतवर बनाया।
केवल एक प्रशासनिक मसले को लेकर नहीं, बल्कि यह विरोध अब लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष के रूप में देखा जा रहा है।