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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा, पीएम मोदी की प्रतिक्रिया और विपक्ष के सवाल

नई दिल्ली | देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को इसका कारण बताया। इस्तीफे के बाद जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की, वहीं विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।

पीएम मोदी ने X पर दी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”

इस संदेश के साथ पीएम मोदी ने उनकी सेवाओं की सराहना भी की।

अचानक दिया इस्तीफा

सोमवार रात करीब 8 बजे उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजा। अपने पत्र में उन्होंने लिखा:

“स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (A) के तहत तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”

राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और गृह मंत्रालय को सूचित कर दिया गया है। अब गजट नोटिफिकेशन जारी होने की प्रक्रिया चल रही है।

कार्यकाल था 2027 तक

जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उनका कार्यकाल 2027 तक था। लेकिन मात्र तीन साल में ही उन्होंने पद छोड़ दिया। कुछ दिन पहले ही उनकी AIIMS में एंजियोप्लास्टी हुई थी और इसी साल मार्च में वे कुछ समय अस्पताल में भर्ती भी रहे थे।

राज्यसभा में भी बदलाव

धनखड़ के इस्तीफे के बाद मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही की शुरुआत उपसभापति हरिवंश ने की। चूंकि उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति होते हैं, इसलिए धनखड़ की अनुपस्थिति सीधे संसद की कार्यवाही पर असर डालती है।

विपक्ष का सवाल – “क्या हुआ 12:30 से 4:30 के बीच?”

इस्तीफे के पीछे की वजह पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा,

“धनखड़ ने सोमवार दोपहर 12:30 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी। फिर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बड़ा हुआ, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।”

रमेश ने यह भी कहा कि धनखड़ नियमों और मर्यादाओं को लेकर बेहद सख्त थे, और हाल की घटनाओं से वे आहत महसूस कर रहे थे।

सियासी हलचल तेज

धनखड़ के इस्तीफे ने सिर्फ संवैधानिक संकट ही नहीं, बल्कि राजनीतिक अटकलें भी तेज कर दी हैं। क्या सिर्फ स्वास्थ्य वजह है, या पर्दे के पीछे कुछ और? इस पर अभी सरकार की ओर से कोई औपचारिक जवाब नहीं आया है।

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