उत्तर प्रदेश

AK शर्मा का बिजली विभाग पर फुल एक्शन: “ये बनिया की दुकान नहीं, जनसेवा है!”

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा इन दिनों बिजली विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। लखनऊ में हुई एक अहम मीटिंग में उन्होंने UPPCL चेयरमैन से लेकर एक्सियन तक को जमकर फटकार लगाई। उनका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे अधिकारियों को सरेआम “बकवास बंद करने” की नसीहत देते नजर आ रहे हैं।

जनता त्रस्त, अफसर मस्त!

मंत्री ने कहा कि जनता बिजली की कटौती और खराब आपूर्ति से परेशान है, लेकिन विभाग की ओर से भेजी जा रही रिपोर्टों में सब कुछ ठीक बताया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों पर झूठी रिपोर्टिंग, जनता की समस्याओं की अनदेखी और जमीनी हकीकत से कटे होने के गंभीर आरोप लगाए।

“आप लोग अंधे, बहरे और काने होकर बैठे हैं,” – AK शर्मा, ऊर्जा मंत्री

“बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है”

मंत्री ने स्पष्ट कहा कि बिजली विभाग सिर्फ बिल वसूलने का ठेका नहीं है। यह जनसेवा का माध्यम है और इस सोच से ही काम करना होगा। उन्होंने सवाल उठाया कि समय पर बिल भरने वालों को भी ट्रांसफार्मर क्यों नहीं मिलते? और क्यों पूरा गांव लाइन से काट दिया जाता है?

₹72 करोड़ का बिल और वसूली का खेल!

AK शर्मा ने एक आम उपभोक्ता को ₹72 करोड़ का बिल भेजे जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि विजिलेंस टीमें गलत जगह छापे डाल रही हैं और FIR के नाम पर वसूली कर रही हैं।

अब चलेगा सिर्फ लिखित आदेश

उन्होंने चेतावनी दी कि अब मौखिक आदेशों का दौर खत्म हो चुका है। हर निर्देश लिखित में जारी किया जाएगा और उसका कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं थक गया हूं बोल-बोलकर… अब सिर्फ लिखा जाएगा।”

“आप लोगों को मनमानी करने का अधिकार किसने दिया?”

मंत्री ने अफसरों से पूछा कि क्या उनकी मीटिंग के निर्देश कहीं और से संचालित हो रहे हैं? उन्होंने संविदा कर्मियों की छंटनी, बिजली दुर्घटनाएं, और फोन न उठाने जैसी शिकायतों पर भी कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए।

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