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राज्यसभा में CISF की मौजूदगी पर बवाल, खरगे ने उपसभापति को लिखा पत्र

देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद अब राज्यसभा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की मौजूदगी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए सवाल उठाए हैं।

राज्यसभा में CISF के जवानों की तैनाती पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपत्ति जताई है। उन्होंने उपसभापति को पत्र लिखकर इसे असंवैधानिक बताया और कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

खरगे ने क्या कहा?

खरगे ने कहा,

“हम स्तब्ध हैं कि सदन के वेल में जहां सांसद अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं, वहां CISF कर्मियों को दौड़ाया जा रहा है। कल भी ऐसा हुआ और आज भी। क्या संसद का स्तर इतना गिर जाएगा?”

खरगे ने आगे लिखा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने मांग की कि भविष्य में जब सदस्य जनहित के मुद्दे उठा रहे हों, उस समय सुरक्षा बलों को वेल में भेजने से रोका जाए।

विपक्ष की सिम्पैथी या रणनीति?

धनखड़ के इस्तीफे को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। हालांकि, धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इसके पीछे कुछ और कारण हैं।

खास बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम में विपक्ष धनखड़ के प्रति हमदर्दी भी जता रहा है, जिससे कई राजनीतिक संकेत निकल रहे हैं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी खरगे की चिट्ठी शेयर कर यह मुद्दा और गरमा दिया।

क्या है पृष्ठभूमि?

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उपसभापति के नेतृत्व में राज्यसभा चल रही है। इसी बीच राज्यसभा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और CISF की अतिरिक्त तैनाती हो गई है, जिससे विपक्षी दल नाराज हैं।

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