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ट्रंप की धमकियों पर मोदी का करारा जवाब: “भारत अपने राष्ट्रहित में ही खरीदेगा

वाराणसी।भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर जारी तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को काशी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दो टूक जवाब दिया। ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों और रूस से तेल व हथियार खरीद पर जताई गई आपत्तियों पर मोदी ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि भारत किसी दबाव में नहीं झुकेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि “भारत क्या खरीदेगा, क्या नहीं खरीदेगा – ये निर्णय भारत की ज़रूरतों और राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत आर्थिक अस्थिरता के दौर में भी स्थिरता का प्रतीक बनकर उभरा है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।

रूस से तेल खरीद जारी रहेगी, अमेरिका की बात नहीं मानी जाएगी

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है और इसे “अच्छा कदम” बताया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि भारत रूस से तेल खरीदता रहेगा, क्योंकि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा, “हम वहीं खरीदेंगे जो हमारे लिए आवश्यक होगा और जिसमें भारत की मिट्टी व श्रमिकों का हित जुड़ा होगा।”

एफ-35 खरीद से फिर किया इनकार

ट्रंप प्रशासन ने भारत को एक बार फिर अमेरिकी F-35 फाइटर जेट बेचने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया है। पीएम मोदी ने संकेत दिया कि भारत खुद की जरूरतों और स्वदेशी निर्माण के अनुसार ही रक्षा सौदे करेगा। उन्होंने कहा, “हम वो नहीं खरीदेंगे जो सिर्फ दूसरों को लाभ पहुंचाए, हम वही लेंगे जो भारत को मजबूत करे।”

ट्रंप का बयान: “भारत और रूस अपनी अर्थव्यवस्था डुबा रहे हैं”

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ दिन पहले भारत-रूस के बीच रक्षा और ऊर्जा खरीद पर तीखा बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “भारत और रूस अगर अपनी अर्थव्यवस्था डुबाना चाहते हैं, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।” इसके साथ ही ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा भी कर दी थी।

ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश है और अमेरिका को इससे नुकसान हो रहा है। इसके जवाब में पीएम मोदी ने भारत के आर्थिक विकास की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि “दुनिया अस्थिरता से जूझ रही है, लेकिन भारत विकास और स्थिरता का प्रतीक बन चुका है।”

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