भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का राजनीतिक सपना महिलाओं के विवादों में अटक गया

भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय गायक पवन सिंह का जनप्रतिनिधि बनने का सपना इस बार भी अधूरा रह गया। महिलाओं से जुड़े लगातार विवाद उनके राजनीतिक करियर में बाधा बने और बीजेपी ने चुनाव मैदान में उनके लिए टिकट देने से परहेज किया।
राजनीतिक करियर पर महिलाओं के विवाद का असर
पिछले डेढ़ साल में यह दूसरी बार है जब पवन सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन किसी न किसी महिला से जुड़े विवादों के कारण उनका राजनीतिक रास्ता बाधित हुआ। महिलाओं के साथ विवादों के चलते पार्टी ने भी जोखिम नहीं उठाया।
बीजेपी ने साल 2024 में पवन सिंह को आसनसोल से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने इस अवसर को छोड़ दिया। अब विधानसभा चुनाव के दौरान पत्नी ज्योति सिंह के साथ विवाद के चलते पवन सिंह को खुद मैदान से हटना पड़ा।
विवादों की लंबी फेहरिस्त
पवन सिंह के खिलाफ विवाद केवल पत्नी तक सीमित नहीं रहे। उनकी चर्चा लगातार महिलाओं के साथ असभ्य व्यवहार के कारण रही:
- सार्वजनिक मंच पर एक्ट्रेस अंजलि राघव को गलत तरीके से छूना।
- एक्ट्रेस अक्षरा सिंह के साथ अफेयर और कथित मारपीट व संपत्ति हड़पने के आरोप।
- पहली पत्नी नीलम सिंह की शादी के कुछ महीनों बाद हुई खुदकुशी।
निजी जीवन में विवाद
- पहली शादी: 1 दिसंबर 2014 को नीलम सिंह से, लेकिन मार्च 2015 में नीलम ने मुंबई के फ्लैट में खुदकुशी कर ली।
- दूसरी शादी: 2018 में ज्योति सिंह से, लेकिन घरेलू हिंसा और मारपीट के आरोपों के बीच तलाक का मामला कोर्ट में लंबित है।
सार्वजनिक विवाद और मीडिया में आलोचना
पवन सिंह के गानों और फिल्मों में महिलाओं का अश्लील चित्रण, सार्वजनिक मंच पर महिलाओं के साथ बैड टच, और निजी जीवन के विवाद उनके खिलाफ रहे। इससे बिहार और पूर्वी यूपी में उनकी लोकप्रियता के बावजूद राजनीतिक करियर प्रभावित हुआ।
महिलाओं से जुड़े लगातार विवादों के कारण पवन सिंह का राजनीतिक सपना टूट गया, जबकि भोजपुरी सिनेमा में उनकी लोकप्रियता अभी भी बरकरार है। बीजेपी ने यह जोखिम लेने से परहेज किया और चुनावी मैदान में उन्हें समर्थन नहीं दिया।