हिंसक और विभाजनकारी सोच से सावधान रहने की अपील, अखिलेश यादव का देशवासियों को संदेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए देशवासियों को हिंसक और विभाजनकारी सोच रखने वाले तत्वों से सतर्क रहने की चेतावनी दी है। उन्होंने शिक्षा संस्थानों और समाज को ऐसी नकारात्मक विचारधाराओं से बचाने की अपील करते हुए इसे हर सभ्य नागरिक की जिम्मेदारी बताया है।
अखिलेश यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा,
“जो शस्त्र को शास्त्र से बड़ा मानते हैं, उनको शिक्षालयों-विश्वविद्यालयों और घर-परिवार-समाज से दूर रखा जाए। शिक्षा हिंसक सोच को सभ्य बनाती है। शिक्षा को हिंसक सोच के लोगों से बचाना हर सभ्य नागरिक का उत्तरदायित्व है।”
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वयं भी ऐसी हिंसक और नकारात्मक सोच वाले लोगों से दूरी बनाए रखें और अपने परिवार व मित्रों को भी सतर्क करें।
“सामाजिक विभाजन की राजनीति कर रहे हैं ऐसे लोग”
अखिलेश यादव ने इस तरह की सोच को “विषबेल” बताते हुए कहा कि इसे जैसे ही जमीन और सहारा मिलता है, यह तेजी से फैलती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे तत्व सामाजिक विभाजन और विद्वेष की राजनीति के जरिए अपने स्वार्थ साधते हैं और हजारों साल पुरानी सत्ता संरचना को बनाए रखना चाहते हैं, ताकि समाज में असमानता बनी रहे।
“अब PDA समाज जाग गया है”
अखिलेश यादव ने दावा किया कि पीड़ित, दलित और आदिवासी (PDA) समाज अब जाग चुका है, जिससे इन नकारात्मक ताकतों में घबराहट साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत उत्पीड़ित समाज अब और अन्याय सहने को तैयार नहीं है, और यही कारण है कि ऐसी सोच रखने वाले लोग मानसिक रूप से हार चुके हैं।
अपने संदेश के अंत में उन्होंने नारा देते हुए कहा—“जो पीड़ित, वो पीडीए… और पीड़ा बढ़ रही है, इसलिए पीडीए बढ़ रहा है।”
अखिलेश यादव का यह बयान सामाजिक सौहार्द, शिक्षा और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के संदेश के साथ-साथ आरक्षण और समानता के विरोधियों पर तीखा प्रहार माना जा रहा है।


