उत्तर प्रदेश: लेखपाल भर्ती 2025 में आरक्षण विवाद, अखिलेश यादव ने बीजेपी से OBC हक़मारी बचाने की अपील

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लेखपाल भर्ती की अधिसूचना जारी होने के बाद इसे लेकर सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी आरक्षण के नियमों का पालन न होने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पंकज चौधरी से हस्तक्षेप करने की अपील की है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा संविधान द्वारा ओबीसी के लिए तय 27 फीसदी आरक्षण का पूरा पालन नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण में से करीब एक-तिहाई हिस्से की कटौती की गई है, जो आरक्षण विरोधी सोच को दर्शाता है।
सपा अध्यक्ष के मुताबिक, उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग की लेखपाल भर्ती में कुल 7994 पद हैं, जिनमें से ओबीसी के लिए केवल 1441 पद आरक्षित किए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि अगर 27 फीसदी आरक्षण लागू किया जाए तो ओबीसी के लिए 2158 पद होने चाहिए थे। इस हिसाब से 717 पद कम दिए गए हैं।
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि जहां ओबीसी के पद कम किए गए हैं, वहीं ईडब्ल्यूएस (EWS) को 10 फीसदी आरक्षण के तहत पूरे 792 पद दिए गए हैं। उन्होंने इसे ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय बताया।
वहीं, भर्ती अधिसूचना में आरक्षण को लेकर यह स्पष्ट किया गया है कि रिक्तियों की गणना और आरक्षण की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होती है। अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार के नियमों और आदेशों के तहत आरक्षित और अनारक्षित पदों की संख्या में बाद में बदलाव भी हो सकता है।लेखपाल भर्ती को लेकर उठे इन सवालों के बाद अब इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस और तेज होने की संभावना है।


