योग नहीं तो टिकट नहीं! केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी का बयान, जानें ऐसा क्या कहा
मेरठ | 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देशभर में नेताओं, जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने योग के महत्व को दोहराया। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने मेरठ के सरधना चर्च में योग करने के बाद एक ऐसा बयान दे दिया जो अब चर्चा में है। उन्होंने कहा कि

“इस बार टिकट उन्हीं को मिलेगा जो ठीक से योग करके दिखाएंगे।”
“टिकट देने से पहले योग कराएंगे” – जयंत
जयंत चौधरी ने हंसते हुए कहा,
“बहुत से लोगों की सांस तो टिकट लेते-लेते ही फूल जाती है, इसलिए इस बार टिकट देने से पहले योग करवाएंगे।”
उन्होंने साफ कहा कि पार्टी उन लोगों को प्राथमिकता देगी जिनकी मानसिकता और स्वास्थ्य बेहतर होंगे।
“अच्छे स्वास्थ्य और सोच वाले लोग ही अच्छे जनप्रतिनिधि बन सकते हैं।”
युवाओं को प्राथमिकता: 21 की उम्र में एमपी-एमएलए क्यों नहीं?
जयंत चौधरी ने यह भी कहा कि इस बार युवाओं को टिकट मिलने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया कि उन्होंने संसद में एक प्राइवेट बिल भी पेश किया था जिसमें एमपी या एमएलए बनने की न्यूनतम उम्र को 25 से घटाकर 21 साल करने का प्रस्ताव रखा गया था।
उनका तर्क था कि
“जब युवा 21 साल की उम्र में नौकरी, बिजनेस और अफसर बन सकते हैं, तो जनप्रतिनिधि क्यों नहीं?”
योग से ही आएगी शांति
जयंत चौधरी ने कहा कि आज दुनिया में तनाव, युद्ध और संघर्ष का माहौल है। ऐसे समय में भारत का योग पूरे विश्व को जोड़ने और शांति स्थापित करने का माध्यम बन सकता है।
“हम योग के जरिए दुनियाभर के लोगों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी का भी ज़िक्र
इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की और कहा कि
“पीएम मोदी ने विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों और 40 देशों के राजनयिकों के साथ योग कर दुनिया को संदेश दिया कि योग जोड़ता है, तोड़ता नहीं।”