देश-विदेश

लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की दोस्ती टूटी या बड़ी साजिश? सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

नई दिल्ली | भारत की क्राइम वर्ल्ड की सबसे चर्चित जोड़ी लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ अब टूट चुकी है। जिन्हें कभी जुर्म की दुनिया के जय और वीरू कहा जाता था, उनके रास्ते अब अलग हो गए हैं — कम से कम सामने से तो यही दिख रहा है। लेकिन जांच एजेंसियां इसे एक दिखावा मान रही हैं, जिसके पीछे एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश की आशंका जताई जा रही है।

जेल से ऑपरेट करता है लॉरेंस, कनाडा में एक्टिव है गोल्डी बराड़

लॉरेंस बिश्नोई भले ही गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, लेकिन उसके गैंग का नेटवर्क दिल्ली-NCR से लेकर कनाडा और अमेरिका तक फैला है। गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा उसके बाहरी ऑपरेशंस को लीड करते हैं।

विदेशों में पंजाबी सिंगर्स, दुश्मन गैंग के गुर्गे, और खालिस्तानी टारगेट्स तक को निशाना बनाया गया — और इसके पीछे लॉरेंस गैंग का नाम सामने आता रहा।

दोस्ती में दरार या “ड्रामा”?

अब सवाल उठता है कि ये अलगाव असली है या बस एक “स्ट्रैटेजिक ब्रेकअप”? सूत्र बताते हैं कि:

  • कनाडा में खालिस्तानी नेताओं की हत्या के बाद वहां की सरकार ने भारत और लॉरेंस गैंग पर शक जताया था
  • PM मोदी के कनाडा दौरे से पहले ही लॉरेंस और गोल्डी की दुश्मनी की खबरें आने लगीं
  • माना जा रहा है कि नई ब्रिगेड के ज़रिए शहजाद भट्टी जैसे गैंगस्टर्स को टारगेट किया जाना है — और इसका ठीकरा भारतीय एजेंसियों पर न गिरे, इसलिए ये दिखावटी दूरी बनाई गई है

⚔️ शहजाद भट्टी से दुश्मनी और लॉरेंस का नया मिशन

कभी लॉरेंस का दोस्त रहा पाकिस्तान का गैंगस्टर शहजाद भट्टी अब उसकी दुश्मन लिस्ट में है। एक वायरल ऑडियो में भट्टी ने खुलेआम लॉरेंस को चुनौती दी थी। तब से लॉरेंस अपने भाई अनमोल बिश्नोई और साथी नोनी राणा के जरिए नई “हिट टीम” तैयार कर रहा है।

हैंडग्रेनेड की एंट्री और बढ़ती दरार

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार लॉरेंस और गोल्डी के बीच तनाव की असली वजह ये रही:

  • हर वारदात का क्रेडिट सिर्फ लॉरेंस को मिलने लगा
  • जबकि असल ऑपरेशन गोल्डी और गोदारा कर रहे थे
  • गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा अब हैंडग्रेनेड जैसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करने लगे हैं
  • ये तरीका लॉरेंस को नागवार गुजरा, जिससे मनमुटाव बढ़ता गया

अब वारदातों की जिम्मेदारी को लेकर भी ‘गैंग वॉर’

गोल्डी से अलग होने के बाद लॉरेंस की गैंग का प्रभाव कम होता दिख रहा है। नतीजा ये कि:

  • एक ही वारदात की जिम्मेदारी कई गैंग्स ले रहे हैं
  • एक-दूसरे को “झूठा” साबित करने की होड़ मच गई है
  • छोटे-छोटे गैंग्स अब खुद को बड़ा दिखाने के लिए इस ‘ब्रेकअप’ का फायदा उठा रहे हैं

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