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संसद में उठा बड़ा सवाल: स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा तीन गुना क्यों बढ़ा?

नई दिल्ली: संसद में एक बार फिर कालेधन का मुद्दा गूंज उठा है। समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने राज्यसभा में सवाल उठाया कि क्या स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा संपत्ति तीन गुना बढ़कर 3.5 बिलियन स्विस फ्रैंक (करीब ₹37,600 करोड़) हो गई है? इसके जवाब में सरकार ने कई अहम जानकारियां साझा कीं।
सरकार ने क्या जवाब दिया?
वित्त राज्य मंत्री ने लिखित जवाब में कहा:
- 2015 से अब तक कालेधन से जुड़े मामलों में ₹338 करोड़ की वसूली की गई है।
- 2015 में लागू Black Money Act (BMA) के तहत 1021 असेसमेंट पूरे हुए हैं और 35,105 करोड़ रुपये की टैक्स मांग की गई है।
- 4164 करोड़ रुपये मूल्य की अघोषित विदेशी संपत्तियों से जुड़े 684 खुलासे हुए हैं।
- अब तक 163 अभियोजन शिकायतें भी दर्ज की जा चुकी हैं।
क्या स्विस बैंक में बढ़ा भारतीयों का पैसा?
सरकार ने बताया:
- स्विस नेशनल बैंक (SNB) के आंकड़ों को मीडिया रिपोर्ट्स ने आधार बनाया है, लेकिन स्विस अधिकारियों ने खुद कहा है कि इन आंकड़ों से यह तय नहीं किया जा सकता कि कितना पैसा भारतीय नागरिकों का है।
- इन आंकड़ों में बैंक की देनदारियों, अन्य देनदारियों और विदेशी शाखाओं की रकम भी शामिल होती है।
कैसे पकड़ में आते हैं टैक्स चोर?
सरकार ने कहा:
- AEOI फ्रेमवर्क (Automatic Exchange of Information) के तहत स्विट्जरलैंड 2018 से हर साल भारत को डेटा दे रहा है।
- भारत ने 100 से ज्यादा देशों के साथ कर सूचना आदान-प्रदान समझौते किए हैं।
- टैक्स चोरी पाए जाने पर तलाशी, जुर्माना, पूछताछ और अभियोजन तक की कार्रवाई की जाती है।
विपक्ष का सवाल
जावेद अली खान ने यह भी पूछा कि 2022, 2023, 2024 और 2025 में देशवार और वर्षवार कितना काला धन वापस लाया गया है। इस पर सरकार ने वर्षवार ब्यौरा नहीं दिया, लेकिन बताया कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से सूचनाएं नियमित रूप से मिल रही हैं।