दिल्ली-NCR वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी आदेश लागू करने पर जोर

दिल्ली-NCR में गंभीर वायु प्रदूषण के मामले को सुप्रीम कोर्ट में फिर से उठाया गया। एमिकस क्यूरी अपराजिता सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकारें तब तक प्रदूषण नियंत्रण के निर्देशों का पालन नहीं करतीं, जब तक कि कोर्ट उन्हें सख्ती से लागू करने का आदेश न दे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ स्कूलों ने प्रदूषण के बावजूद खेल प्रोग्राम जारी रखे।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. सूर्यकांत ने कहा कि केवल प्रभावी और व्यावहारिक आदेश ही पारित किए जाएंगे, क्योंकि लाखों लोगों की जीवनशैली और आजीविका को नजरअंदाज करना संभव नहीं। उन्होंने बताया कि कुछ आदेश जैसे वाहन बंद करना या सभी निर्माण कार्य रोकना व्यावहारिक नहीं होंगे।
CJI ने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा असर गरीब मजदूर वर्ग पर पड़ता है, जो खुले में काम करते हैं और महंगे सुरक्षा उपकरण नहीं खरीद सकते। अमीरों की जीवनशैली (कारों और एसी का इस्तेमाल) बदलने से इनकी कीमत गरीबों को चुकानी पड़ती है, जो पर्यावरणीय न्याय का मुद्दा है।
सुनवाई बुधवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ के सामने होगी। CJI ने सभी पक्षकारों से कहा कि एमिकस नियुक्त होने के बाद अपने सुझाव सीधे कोर्ट को भेजें, मीडिया या प्रेस को नहीं।


