उत्तर प्रदेश

UP में शहरी विकास को नई रफ्तार, नक्शा पास कराने की झंझट भी खत्म

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शहरी विकास को आधुनिक दिशा देने के लिए भवन निर्माण नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब राज्य के नागरिक अपने आवासीय भवनों में दुकान या ऑफिस खोल सकेंगे, और 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर शॉपिंग मॉल भी बनाए जा सकेंगे। यही नहीं, छोटे भूखंडों पर नक्शा पास कराने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

कैबिनेट ने पास किया ऐतिहासिक प्रस्ताव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में “उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025” को मंजूरी दी गई। यह नई व्यवस्था मिश्रित भू-उपयोग (Mixed Land Use) को बढ़ावा देगी, जिससे आवासीय और व्यावसायिक निर्माण एक साथ करना आसान हो जाएगा।

नए नियमों की खास बातें:

मकान के साथ दुकान

  • अब 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 24 मीटर और छोटे शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर घर के साथ दुकान खोलने की अनुमति।
  • 100 वर्ग मीटर (रहवासी) और 30 वर्ग मीटर (व्यावसायिक) भूखंडों पर अब नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं, केवल पंजीकरण पर्याप्त

ऊंची इमारतों को प्रोत्साहन

  • 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर अब FAR (Floor Area Ratio) की कोई सीमा नहीं।
  • छोटे भूखंडों के लिए FAR बढ़ाया गया है, जिससे ऊंची बिल्डिंग्स का निर्माण आसान होगा।
  • ग्रीन रेटेड भवनों को अतिरिक्त FAR की सुविधा।

18 मीटर चौड़ी सड़कों पर मॉल की मंजूरी

  • अब 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर शॉपिंग मॉल बन सकेंगे।
  • 7 मीटर पर इंडस्ट्री और हेरिटेज होटल, 9 मीटर पर क्लिनिक और प्राइमरी स्कूल बनाने की अनुमति।

पेशेवरों को विशेष छूट

  • आर्किटेक्ट, डॉक्टर, वकील, सीए अपने मकान के 25% हिस्से को दफ्तर के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं।

पार्किंग और ग्रुप हाउसिंग में सुधार

  • पोडियम और ट्रिपल स्टैक पार्किंग को मंजूरी।
  • 4000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों में अलग पार्किंग ब्लॉक अनिवार्य।
  • स्कूलों और अस्पतालों में स्पेशल बस-ड्रॉप और एम्बुलेंस पार्किंग ज़ोन।
  • ग्रुप हाउसिंग के लिए भूखंड सीमा घटाई गई, जिससे ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकेंगे।

CM योगी आदित्यनाथ का बयान

मुख्यमंत्री ने कहा:

“हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के शहर आधुनिक, व्यवस्थित और नागरिकों के लिए सुविधाजनक हों। यह नीति न सिर्फ निर्माण प्रक्रिया को आसान बनाएगी, बल्कि रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।”

इससे क्या होगा फायदा?

  • नक्शा पास कराने की जटिलता से मुक्ति।
  • मिश्रित भूमि उपयोग से रोजगार और व्यापार को प्रोत्साहन।
  • छोटे भूखंडों पर भी निर्माण आसान।
  • शहरीकरण को मिलेगा नया आकार और गति।

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