कांवड़ यात्रा में QR कोड लगाने के आदेश पर बवाल, सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर QR कोड लगाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में कांवड़ यात्रा के दौरान सड़कों के किनारे मौजूद दुकानों पर QR कोड लगाने का आदेश दिया था। इन QR कोड को स्कैन करने पर दुकानदारों का नाम, पता और अन्य विवरण सामने आ जाते हैं।
इस आदेश को लेकर कई याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति जताई है और इसे गोपनीयता और सुरक्षा के अधिकार का उल्लंघन बताया है।
याचिकाकर्ताओं की आपत्ति क्या है?
- याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह आदेश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन है।
- 2024 में कोर्ट ने कहा था कि दुकानदारों को सिर्फ यह बताना होगा कि वे क्या बेच रहे हैं — व्यक्तिगत जानकारी देना आवश्यक नहीं है।
- याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, QR कोड के जरिए पहचान उजागर करना सामाजिक तनाव को बढ़ा सकता है और व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
- कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की है।
- इसके साथ ही, अन्य सभी संबंधित याचिकाओं और आवेदनों को समेकित (क्लब) करने का आदेश दिया है, जिससे पूरे मामले की एकसाथ सुनवाई हो सके।
संवैधानिक और सामाजिक बहस
यह मामला केवल एक तकनीकी आदेश नहीं है, बल्कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, निजता का अधिकार, और धार्मिक आयोजन के दौरान राज्य की भूमिका जैसे कई संवेदनशील मुद्दे जुड़े हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि:“अगर QR कोड से दुकानदार की पहचान उजागर होती है, तो यह उनका Article 21 (जीवन और निजता का अधिकार) का उल्लंघन माना जा सकता है।”