36 लाख वोटर नहीं मिले पते पर, बिहार में चुनाव आयोग का बड़ा खुलासा

पटना | बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR) अभियान को लेकर शुक्रवार को बड़ा खुलासा हुआ है। आयोग के अनुसार, 90.12% मतदाताओं के एन्यूमरेशन फॉर्म मिल चुके हैं, लेकिन 36.86 लाख वोटर अपने पते पर मौजूद नहीं पाए गए।
चुनाव आयोग के मुताबिक,
“अब तक 7.11 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त हुए हैं। लेकिन 36 लाख से अधिक मतदाता घर पर नहीं मिले और करीब 7 हजार लोगों के बारे में कोई जानकारी तक नहीं मिल पाई है।“
इससे पहले आयोग ने 24 जून को आदेश जारी किया था कि बिहार के सभी 7.8 करोड़ पंजीकृत मतदाता 25 जुलाई से पहले अपना एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करें। इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत 1 अगस्त को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट और 30 सितंबर को अंतिम सूची जारी की जाएगी।
विपक्षी दलों ने जताया विरोध
इस अभियान को लेकर आरजेडी समेत कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। उनका आरोप है कि यह कवायद चुनाव आयोग की ‘मतदाता हटाओ मुहिम’ जैसी दिख रही है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?
विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर मतदाताओं का ‘गायब’ होना प्रशासनिक लापरवाही है या किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा, इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।