संसद में खड़गे का बड़ा विरोध: ‘SIR’ पोस्टर फाड़कर फेंका कूड़ेदान में

नई दिल्ली | लोकसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन संसद में विपक्ष का हंगामा चरम पर पहुंच गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन के भीतर चुनाव आयोग की ‘Special Intensive Revision (SIR)’ प्रक्रिया का प्रतीकात्मक विरोध करते हुए एक पोस्टर फाड़ा और उसे कूड़ेदान में फेंक दिया। इस घटना का वीडियो सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
खड़गे ने X (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए लिखा –
“चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर एलान कर दिया है कि ‘SIR’ अब सिर्फ बिहार नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू किया जाएगा। ये वोट कटवाने की चाल है।”
बीजेपी-आरएसएस पर खड़गे का सीधा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यकों और वंचितों का वोट काटना चाहती है ताकि संविधान की जगह ‘मनुस्मृति’ जैसे विचार लागू किए जा सकें।
खड़गे ने कहा –
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक संवैधानिक संस्था जैसे चुनाव आयोग भी अब बीजेपी और आरएसएस के षड्यंत्र में भागीदार बन रही है। यह सीधा लोकतंत्र और संविधान पर हमला है।”
SIR के बहाने नागरिकता की जांच?
विपक्ष का दावा है कि चुनाव आयोग ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ के नाम पर नागरिकों की पहचान और पात्रता पर सवाल उठा रहा है। विशेष रूप से बिहार जैसे राज्यों में इसे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लागू किया गया है, जिससे राजनीतिक मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
हालांकि, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में यह स्पष्ट किया है कि अगर किसी का नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि उसकी नागरिकता खत्म कर दी गई है।
विपक्ष का ऐलान: लोकतंत्र और वोट का अधिकार बचाना है
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने साफ किया है कि वे ‘SIR’ के विरोध में देशव्यापी अभियान चलाएंगे और हर उस कोशिश का विरोध करेंगे जो संविधान और नागरिक अधिकारों को कमजोर करती है।