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जन्मदर संकट से जूझ रहा चीन, अब बच्चों पर देगा सालाना सब्सिडी

बीजिंग: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन अब घटती जन्मदर से निपटने के लिए बड़ा कदम उठा रहा है। चीन सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि वह तीन साल से कम उम्र के बच्चों के लिए माता-पिता को प्रति बच्चे सालाना 500 डॉलर की सब्सिडी देगी। यह सुविधा अधिकतम तीन बच्चों तक के लिए उपलब्ध होगी, यानी कुल 1500 डॉलर तक की सालाना मदद मिल सकेगी।

सरकारी मीडिया के अनुसार, यह नई नीति देशभर के करीब 2 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाएगी और बच्चों के पालन-पोषण का बोझ कुछ हद तक हल्का करेगी।

दशकों पुरानी नीति बदली, फिर भी गिरती रही जन्मदर

एक समय पर चीन ने ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ लागू कर जनसंख्या नियंत्रण किया था। लेकिन जब जन्मदर में भारी गिरावट दिखने लगी, तो 2016 में यह नीति खत्म कर दी गई और अब तीन बच्चों तक की अनुमति है। इसके बावजूद जनसंख्या घटने की रफ्तार नहीं थमी, जिससे सरकार की चिंता और गहरी हो गई।

क्यों चिंता में है चीन?

विशेषज्ञों का मानना है कि घटती जन्मदर और बढ़ती बुजुर्ग आबादी चीन की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। कामकाजी युवाओं की संख्या घटने से भविष्य में उत्पादन, पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव आ सकता है।

चीन की नई नीति का उद्देश्य

  • युवाओं को शादी और बच्चों के लिए प्रोत्साहित करना
  • पालन-पोषण खर्च में मदद देकर आर्थिक दबाव कम करना
  • दीर्घकालिक जनसंख्या संतुलन को बनाए रखना

हालांकि यह देखना बाकी है कि आर्थिक सहायता जैसे कदम जन्मदर बढ़ाने में कितने कारगर साबित होते हैं, क्योंकि आधुनिक युवा अब पहले की तरह बड़ी फैमिली की ओर आकर्षित नहीं हैं।

चीन की यह नीति एक बड़ा सामाजिक-आर्थिक प्रयोग मानी जा रही है, जिसका असर आने वाले वर्षों में वैश्विक स्तर पर भी महसूस हो सकता है।

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