अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने पर बोलीं मायावती – देशहित से ऊपर न आए राजनीतिक स्वार्थ

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस मुद्दे पर संसद में गहन चर्चा कराई जाए, ताकि देशहित में एक सामूहिक रणनीति बनाई जा सके।
मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “ब्राज़ील की तरह ही भारत पर भी कुल मिलाकर 50% का टैरिफ लगाकर अमेरिका ने जो आर्थिक आघात पहुँचाने की कोशिश की है, उसे केंद्र सरकार ने ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकी’ बताया है।”
लेकिन उन्होंने आगे कहा कि “देश की जनता इसे ट्रम्प जैसे नेताओं का भारत के साथ विश्वासघात मानती है। यह कदम देश को कमज़ोर करने वाला है।”
“राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठे सरकारें”
बसपा सुप्रीमो ने केंद्र और राज्य सरकारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस गंभीर वैश्विक आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए सरकारों को आपसी टकराव, संकीर्ण राजनीति और मतभेद से ऊपर उठकर सामूहिक निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा:
“यदि केंद्र और राज्य सरकारें आंतरिक संकीर्ण मुद्दों में ही उलझी रहेंगी, तो यह कैसे संभव हो पाएगा कि देश इस तरह की वैश्विक चुनौती का सामना कर सके?”
संसद में चर्चा की मांग
मायावती ने संसद में इस मुद्दे पर गंभीर चिंतन और बहस की जरूरत बताई। उन्होंने लिखा:
“देश के सामने आई इस बड़ी चुनौती पर संसद में चर्चा होनी चाहिए, ताकि जन और देशहित में बेहतर रणनीति बनाई जा सके।”
उन्होंने ये भी जोड़ा कि बहुजन समाज पार्टी की राजनीति हमेशा “सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय” के सिद्धांत पर आधारित रही है, जो संविधान की मूल भावना के अनुरूप है।
राजनीतिक खींचतान खत्म करने का वक्त
मायावती ने केंद्र और राज्यों के बीच लगातार चल रही राजनीतिक खींचतान पर चिंता जताते हुए कहा कि इस टकराव का अंत होना चाहिए। उनका मानना है कि देशहित और जनकल्याण के लिए राजनीतिक दलों को परिपक्वता और एकजुटता दिखानी चाहिए।